
जयपुर . शहर के चारों तरफ से वाहनों के लगातार दबाव के कारण राजधानी के सबसे व्यस्त त्रिमूर्ति चौराहे पर लोग जाम में धक्के खा रहे हैं। ये हालात कई माह से हैं, लेकिन फिर भी इतने महत्वपूर्ण चौराहे को सिर्फ दो सिपाहियों के भरोसे छोड़ दिया गया है। यहां चार में से एक बत्ती के हरे होने पर ही 2000 से लेकर 2500 तक वाहन गुजरते हैं। परेशानी का यह सिलसिला सुबह से रात तक वाहन चालकों को सहन करना पड़ रहा है।
कई गुना हैं ट्रैफिक
चौराहे से होकर पूरे परकोटा का ट्रैफिक सांगानेर, सीतापुरा और टोंक की तरफ निकलता है। जबकि दिल्ली, अलवर, आगरा और भरतपुर की तरफ का ट्रैफिक भी इस चौराहे से होकर गुजरता है। शहर का ट्रैफिक, स्कूल-कॉलेज के वाहन और सिटी बसें भी यहां से निकलतीं हैं। इतना अधिक ट्रैफिक होने पर भी यहां सुबह दो पुलिसकर्मी और शाम को एक महिला पुलिसकर्मी सहित चार पुलिसकर्मी ट्रैफिक नियंत्रित करने में लगे रहते हैं।
अगले साल भी यही हालात
एसएमएस अस्पताल और उसके सामने बने ट्रोमा सेंटर को जोडऩे के लिए भूमिगत मार्ग बनाने के दौरान रामसिंह रोड पर आवागमन बंद कर दिया गया है। इससे अजमेरी गेट से होकर एसएमएस अस्पताल के सामने से निकलने वाले हजारों वाहन भी मेडिकल कॉलेज के सामने से होते हुए त्रिमूर्ति चौराहे से होकर निकालने पड़ रहे हैं। जेडीए की मानें तो भूमिगत मार्ग को बनने में अगस्त 2018 तक का समय लग जाएगा, तब तक यहां के हालात ऐसे ही बने रहेंगे।
बसों के लिए हो वन वे हो तो सुधरें हालात
पुलिसकर्मियों की मानें तो नारायण सिंह तिराहा से दिल्ली व आगरा रोड की तरफ जाने वाली बसों के लिए गोविंद मार्ग पर वन वे कर देना चाहिए और उधर से आने वाली बसों को ट्रांसपोर्ट नगर से जवाहर नगर बायपास होते हुए शांतिपथ, बिड़ला मंदिर से रामबाग होते हुए आने की व्यवस्था की जानी चाहिए। वैकल्पिक व्यवस्था होने पर भी चौराहे से काफी हद तक ट्रैफिक का दबाव कम किया जा सकता है।
40 सैकंड की एक तरफ की बत्ती
पुलिस ने चौराहे पर ट्रैफिक निकालने के लिए एक तरफ की हरी बत्ती 40 सैकंड की कर रखी है। इससे एक तरफ एक बार हरी बत्ती में 500 से 600 वाहन ही निकल पाते हैं। जबकि दो-तीन हजार वाहन तो एक तरफ से निकलने के लिए तैयार रहते हैं। इसलिए कई बार दो या तीन बत्ती होने के बाद ही वाहन चालक को यह चौराहा पार करना पड़ता है।
पुलिसकर्मियों की संख्या भी बढ़े
त्रिमूर्ति चौराहे पर ट्रैफिक के बढ़ते दबाव को देखते हुए सुबह और शाम को व्यस्त समय में करीब छह से आठ पुलिसकर्मियों की संख्या होनी चाहिए। ताकि चारों तरफ से पहले निकलने के लिए नियम तोड़ आड़े तिरछे खड़े होने वाले वाहनों को सुव्यवस्थित करवाया जा सके।
Published on:
03 Mar 2018 12:17 pm
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