
रामगढ़ बांध में पानी लाने के लिए सरकार ने काम शुरू कर दिया है। पीकेसी-ईआरसीपी (PKC-ERCP)की जो विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की गई है। उसमें ईसरदा बांध से रामगढ़ बांध तक पानी पहुंचाने का अलाइनमेंट तय कर दिया है। दोनों बांध की दूरी (नहर रूट के आधार पर) करीब 120 किलोमीटर सामने आई है।
इसमें 35 किलोमीटर दूरी में नहर और बाकी 85 किलोमीटर में पाइपलाइन बिछाई जाएगी। जल संसाधन विभाग की ओर से केन्द्रीय जल आयोग की भेजी गई रिपोर्ट में यह स्थिति बताई गई है। सब कुछ प्लानिंग से काम हुआ और बांध में पानी आया तो करीब 3.50 लाख लोगों को पानी पिलाने का इंतजाम हो जाएगा प्रोजेक्ट लागत करीब 3100 करोड़ रुपए आंकी गई है।
ईसरदा बांध से पीपलू तहसील में सूरतपुरा, निवाई में सूरतरामपुरा, तिंगरिया, चंदेलखुर्द, बिशनपुरा, कानोता, लाली, चौमूखा गांव में लाइन गुजरेगी। ढूंढ नदी के पास होते हुए आगे बढ़ेगी। इसके लिए जमीन अवाप्ति की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
-2,648 एमसीएफटी (एमसीएफटी) पानी है भराव क्षमता
-1,860 मी. लम्बाई बांध क्षेत्र की
-23.16 मी. गहराई
-12,125 हेक्टेयर क्षेत्रफल
-1902 में हुआ था निर्माण
-1933 में शुरू हुई थी पेयजल सप्लाई
-2005 में अंतिम बार लिया पानी
ईआरसीपी के तहत चंबल का पानी बीलसपुर व ईसरदा बांध में लाने के लिए नवनेरा गलवा बीसलपुर- ईसरदा लिंक परियोजना है। पहले ईसरदा बांध में पानी आएगा और वहां से रामगढ़ बांध तक पहुंचेगा। इसमें करीब चार साल लगेंगे। बांध में पानी की आवक होने पर जयपुर जिले की छह तहसील के एक हजार से ज्यादा गांवों में पेयजल संकट दूर होगा। साथ ही सिंचाई के लिए भी पानी मिलेगा।
Published on:
21 Oct 2024 08:44 am
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