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जयपुर के युवा बोले नौकरी के पीछे भागते -भागते थक गए, सुकून आखिर खुद के काम से ही मिला

कॉलेज खत्म होते ही युवाओं को सबसे पहले नौकरी की टेंशन सताने लगती है। नौकरी नहीं मिलने पर कई युवा तनाव और डिप्रेशन के भी शिकार हो जाते हैं। कई युवा जॉब अच्छी होते हुए भी खुशी महसूस नहीं कर पात। काम का दबाव, लंबे वर्किंग ऑवर, ऑफिस प्रेशर से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने लगता है।

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जयपुर। कॉलेज खत्म होते ही युवाओं को सबसे पहले नौकरी की टेंशन सताने लगती है। नौकरी नहीं मिलने पर कई युवा तनाव और डिप्रेशन के भी शिकार हो जाते हैं। कई युवा जॉब अच्छी होते हुए भी खुशी महसूस नहीं कर पात। काम का दबाव, लंबे वर्किंग ऑवर, ऑफिस प्रेशर से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने लगता है। ऐसे में कई युवाओं ने जॉब छोड़ स्वयं के रूचि के काम शुरू कर दिए हैं। जहां उनका प्रदर्शन काफी बेहतर है। इंडियन इकोनॉमी की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के 900 मिलियन कार्यबल में से अधिकांश ने नौकरियों की तलाश बंद कर दी है। वे खुद का ही कुछ काम शुरू करना चाह रहे हैं। हाल ही आई ट्रेक्सोन की जयपुर रिपोर्ट 2023 के अनुसार जयपुर में फिलहाल 1666 स्टार्टअप्स मौजूद हैं। जिसमें ज्यादातर स्टार्टअप के सीईओ युवा ही है।

एग्जाम ड्राप, जॉब ड्राप...अब टिफिन सेंटर के स्टार्टअप से कमा रहे नाम
मानसरोवर निवासी अंशुल जैन ने बताया कि काफी समय से खुद का कुछ स्टार्टअप करना चाहते थे, लेकिन उन्हें दिशा नहीं मिल पा रही थी। उन्होंने सीए की भी तैयारी की। उसके बाद काफी समय जॉब की, लेकिन वे उससे संतुष्ट नहीं थे। जॉब के दौरान उन्होंने टिफिन लगवाया था, लेकिन टिफिन के खाने से वे खुश नहीं थे। उन्होंने आस -पास रह रहे और भी लोगों से सुना कि वे लोग भी टिफिन सुविधा से खुश नहीं है। तब उन्होंने अपने मित्र वैभव टोडवाल के साथ मिलकर खुद का टिफिन सेंटर शुरू करने का निर्णय लिया। उन्होंने यह ठान लिया था कि लोगों को अपने खाने के स्वाद से संतुष्ट करेंगे। आज रोजाना के 500 से ज्यादा टिफिन वितरित होते हैं और 2 साल में ही दूसरी ब्रांच भी शुरू कर दी है।

ओपन माइक शो कर कमाए पैसे
लालकोठी निवासी सौरभ ने2 वर्ष साल पहले कैफे शुरू करने का मन बनाया। लेकिन उसकी असफलता के डर से उन्होंने शुरूआत ही नहीं की। काफी समय तक सरकारी नौकरी की तैयारियां की। कुछ कंपनियों में नौकरी भी की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। अलग-अलग जगह जाकर ओपन माइक शो किये। दोस्तों की मदद से पैसे एकत्रित किये। उसके बाद कुछ अलग हटकर रखे नाम से कैफे शुरू किया। शुरुआत में उन्हें रेस्पोंस कम मिलता था, लेकिन उन्हें पूरी उम्मीद थी। अब कैफे इतना मशहूर हो गया कि सौरभ को इंस्टाग्राम पर भी इसका फायदा मिल रहा है। उनके दुगनी तेजी से फॉलोवर्स बढ़ रहे है।

साल भर में ही 79 ,000 तक पहुंचा फॉलोअर्स का आंकड़ा
सिंधी कैंप क्षेत्र निवासी सचिन शर्मा और उनके दोस्त अनीश प्रजापति ने जॉब छोड़ने का निर्णय लिया। शुरू से उन्हें ब्लॉगिंग और वीडियो बनाना पसंद था। दोनों ने इंस्टाग्राम पर एक सिटी पेज बनाया। इस वर्ष जनवरी में इस पेज की शुरुआत हुई। उन्होंने जब यह पेज शुरू किया था, जब उन्हें काफी आलोचना सहनी पड़ी। शुरूआती दौर में केवल एक हजार फालोअर से शुरू हुआ पेज आज 79 हजार तक पहुंच चुका है। सचिन ने बताया कि वे और उनके मित्र अपने इसक काम से ज्यादा खुश हैं। जॉब जैसा यहां कोई तनाव नहीं होता। अपनी इच्छा अनुसार कार्य कर सकते है।