
Jal Jhulni Ekadashi 2023: एकादशी दो दिन, कल द्विपुष्कर और राज योग में मनाएंगे जलझूलनी एकादशी
जयपुर। भाद्रपद शुक्ल एकादशी इस बार दो दिन होने से मंगलवार को जलझूलनी एकादशी मनाई जाएगी। स्मार्त सम्प्रदाय के लोग आज एकादशी पर्व मना रहे है, वहीं वैष्णव सम्प्रदाय के लोग मंगलवार को एकादशी मनाएंगे। इस दिन द्विपुष्कर योग और राजयोग का विशेष संयोग रहेगा।
जलझूलनी एकादशी पर शहर के मंदिरों से डोल झांकी यात्रा निकलेगी। फूलों से सजी चौकी या पालकी में सालिगरामजी को विराजमान कर जयकारे लगाते हुए जलाशय तक ले जाया जाएगा। जगह-जगह लोग डोल यात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया जाएगा। जलाशय पर भगवान को स्नान करवाकर वापस गाजे बाजे के साथ मंदिर लाया जाएगा। दोपहर बाद से ही डोल यात्राएं निकलनी शुरू हो जाएगी।
ये बन रहे संयोग
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि एकादशी सोमवार सुबह 7 बजकर 56 मिनट पर शुरू हो रही है, जो अगले दिन मंगलवार को तड़के 5 बजकर एक मिनट तक रहेगी। ऐसे में स्मार्त सम्प्रदाय वाले सोमवार को एकादशी मना रहे है, वहीं वैष्णव सम्प्रदाय वाले मंगलवार को एकादशी मनाएंगे। सोमवार को रवि योग, कुमार योग व सर्वार्थसिद्धि योग है, वहीं मंगलवार को सुबह 9 बजकर 42 मिनट से रात 1 बजकर 45 मिनट तक द्विपुष्कर योग और कुमार योग रहेंगे।
गोविंददेवजी के कल जलझूलनी एकादशी
शहर के आराध्य गोविंददेवजी मदिर में मंगलवार को जलझूलनी एकादशी पर्व मनाया जाएगा। इस दिन ठाकुरजी का नटवर वेश में विशेष शृंगार होगा। ग्वाल झांकी के बाद महंत अंजन कुमार गोस्वामी ठाकुरजी सालिग्रामजी को खाट पर विराजमान कर मंदिर के दक्षिण पश्चिमी कोना पर तुलसी मंच तक लाएंगे, यहां पंचामृत से अभिषेक कर आरती की जाएगी। इसके बाद तुलसी मंच के चार परिक्रमा कराकर ठाकुरजी को वापस निज मंदिर लाया जाएगा। इसके बाद संध्या आरती के दर्शन होंगे।
वामन जयंती पर्व
गोविंददेवजी मंदिर में मंगलवार को सुबह वामन जयंती पर्व मनाया जाएगा। राजभोग झांकी से पहले ठाकुरजी सालिग्रामजी का पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा।
Published on:
25 Sept 2023 10:51 am
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