
जयपुर . राजधानी में घर-घर लड्डू गोपालजी विराजे हैं। जन्माष्टमी पर लड्डू गोपालजी का विशेष शृंगार किया जा रहा है। खासकर महिलाओं और बच्चों में अपने लड्डू गोपालजी को सजाने का उत्साह नजर आ रहा है। यही वजह है कि बाजार में लड्डू गोपालजी के नई पोशाक, बांसुरी व मुकूट आदि का 80 करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ। इस बार चांदी के लड्डू गोपालजी की भी बाजार में डिमांड है। इसके साथ चांदी की पोशाक व बांसुरी भी खूब बिक रहे हैं।
घरों में विराजमान लड्डू गोपालजी का मनमोहक शृंगार करने की होड़ सी लगी हुई है। इसे लेकर बाजार में राखी से पहले ही खरीददारी शुरू हो गई। शहर के हर गली— कॉलोनी में लड्डू गोपालजी की पोशाक व शृंगार के सामान की दुकानें खुल गई है, जहां दिनभर ग्राहकों की भीड़ नजर आई। लड्डू गोपालजी की पोशाक खरीदने वालों में महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक देखी गई।
अब कॉलोनी-कॉलोनी दुकानें
पोशाक विक्रेताओं की मानें तो 6-7 साल पहले लोग लड्डू गोपालजी की पोशाक व शृंगार का सामान खरीदने के लिए गोविंददेवजी मंदिर और पुरोहितजी के कटले में ही आते थे। अब घर-घर लड्डू गोपालजी विराजमान होने से कॉलोनी और गलियों के साथ पूरे शहर में 2 हजार से अधिक दुकानें खुल गईं।
पिलाते दूध-चाय, खिलाते माखन मिश्री
महिलाएं लड्डू गोपालजी की बच्चे के जैसे सेवा करती हैं, वहीं छोटे बच्चों का भी लगाव अधिक है। सुबह उसे उठाया जाता हैं, चाय—दूध पिलाया जाता है। लड्डू गोपालजी का स्नान कराकर बालभोग में माखन—मिश्री का भोग लगाया जाता है। इसके बाद घर में जो भी भोजन बनता है, उसका भोग लगाते हैं। शाम को दूध पिलाया जाता है। इसके बाद लड्डू गोपालजी को शयन कराए जाते हैं।
दो बार शृंगार, मध्यरात्रि में जन्माभिषेक
जन्माष्टमी को लेकर घर में विराजे लड्डू गोपालजी का दिन में दो बार शृंगार किया जा रहा है। इसे लेकर घर—घर तैयारी हो चुकी है। घर को मंदिर के जैसे सजाया गया। मध्यरात्रि में लड्डू गोपालजी का जन्माभिषेक होगा। पंचामृत—पंजीरी का भोग लगाया जाएगा।
यूपी-गुजरात से आ रही पोशाक
शहर में लड्डू गोपालजी की पोशाक व शृंगार का सामान मथुरा, वृंदावन, राजकोट, सूरत, नाथद्वारा, मुरादाबाद व कोलकाता से अधिक आ रहा है। अब जयपुर में भी कुछ लोग लड्डू गोपालजी की पोशाक तैयार करने लगे हैं। दिनों-दिन इसका कारोबार भी बढ़ रहा है। पोशाक व शृंगार का सामान बाजार में 20 रुपए से लेकर 10 हजार रुपए तक में मिल रहा है।
राखी से पहले ही बिक्री शुरू
बाजार में लड्डू गोपालजी की पोशाक, शृंगार का सामान व झूले और सिंहासन इस बार खूब बिके हैं। राखी से पहले ही इनकी बिक्री शुरू हो गई। शहर में इस बार 80 से 90 करोड़ का कारोबार हुआ है।
- सुरेन्द्र सोनी, व्यापारी
Updated on:
26 Aug 2024 09:22 pm
Published on:
26 Aug 2024 09:21 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
