
Janmashtami 2023: : गोविंददेव जी मंदिर जाने से पहले पढ़ें जरूरी सूचना, कहीं बाद में न पड़ जाए पछताना
जयपुर। राजधानी जयपुर में कृष्ण जन्माष्टमी का उल्लास छाने लगा है। मंदिरों से लेकर घरों में कान्हा के जन्म को लेकर विशेष तैयारियां की जा रही हैं। आज भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी से दो दिवसीय जन्माष्टमी पर्व की शुरुआत हुई। हवाई गर्जनाओं के बीच गुरुवार मध्य रात्रि में कान्हा प्रगटेंगे व जन्माभिषेक होगा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में भक्तों को भारतीय परिधान पहनकर आने पर ही एंट्री मिलेगी। मंदिर प्रबंधन की ओर से दर्शनार्थियों से आग्रह किया गया है कि जन्माष्टमी पर गोविंददेवजी के दर्शनों के लिए भारतीय परिधान पहनकर आएं। वहीं श्रदधालु अपने जूते भी जूता घर में खोलकर दर्शनों के लिए आएं।
कई झांकियों के बीच लंबा अंतराल खत्म
गोविंददेव जी मंदिर महंत अंजनकुमार गोस्वामी ने बताया कि जन्माष्टमी पर ठाकुर श्रीजी के जन्माभिषेक में 425 लीटर दूध, 365 लीटर दही व 11 किलो घी, 85 किलो बूरा व 11 किलो शहद से गोविंददेवजी का जन्माभिषेक होगा। गोविंद देवजी मंदिर प्रबंधन ने जन्माष्टमी पर कई झांकियों के बीच लंबा अंतराल खत्म कर दिया है। तड़के (सुबह 4:30 बजे) से रात 12:30 बजे तक नौ झांकियां होंगी। इनमें अगले दिन की मंगला झांकी भी शामिल है।
गौरतलब है कि हर झांकी में हजारों की संख्या में भक्त आते हैं। सवेरे से लेकर देर रात तक करीब पांच लाख से भी ज्यादा भक्त जन्माष्टमी के मौके पर गोविंद देव जी के दर्शन करते हैं।
ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि अष्टमी तिथि बुधवार दोपहर 3:37 बजे से गुरुवार शाम 4:14 बजे तक रहेगी। रोहिणी नक्षत्र व अष्टमी का संयोग गुरुवार दोपहर तक रहेगा। उदियात तिथि रहने के कारण गुरुवार को जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
Published on:
06 Sept 2023 02:23 pm
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