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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में बोले जावेद अख्तर- अंग्रेजी सीखना जरूरी, लेकिन मातृभाषा से कट जाना गलत

JLF-2025: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के पहले दिन साहित्यकार-गीतकार जावेद अख्तर ने मातृभाषा पर चर्चा की। साथ ही जावेद अख्तर ने मंच पर 'सीपियां' बुक भी लॉन्च की।

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फेस्टिवल में चर्चा करते जावेद अख्तर (फोटो: दिनेश डाबी)

Jaipur Literature Festival: जयपुर। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के पहले दिन साहित्यकार-गीतकार जावेद अख्तर ने मातृभाषा पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने मातृभाषा पर जोर देते हुए कहा कि अंग्रेजी की पढ़ाई के साथ मातृभाषा भी बहुत जरूरी है। साथ ही जावेद अख्तर ने मंच पर 'सीपियां' बुक भी लॉन्च की। इस दौरान साहित्यकार-समाजसेवी सुधा मूर्ति और ​अभिनेता अतुल तिवारी भी मौजूद रहे।

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान होटल क्लार्क्स आमेर के फ्रंट लॉन में सुबह 11 बजे ज्ञान-सीपियां, पर्ल्स ऑफ विजडम' सत्र का आयोजन हुआ। इस मौके पर गीतकार जावेद अख्तर ने कहा कि आज के दौरे में बच्चे अंग्रेजी मीडियम स्कूलों की ओर रुख कर रहे हैं। लेकिन, मैं अंग्रेजी की जरूरत से इनकार नहीं कर रहा हूं। क्योंकि आज के दौर में अंग्रेजी सीखना जरूरी है। लेकिन, अपनी मातृभाषा से कट जाना गलत है।

दोहों के इस्तेमाल पर भी चर्चा

जावेद अख्तर ने अभिनेता अतुल तिवारी के साथ भारतीय परंपरा व दोहों के इस्तेमाल पर भी चर्चा की। जावेद अख्तर ने कहा कि टूटे फिर न जुटे, जुटे गांठ पड़ जाए, यहां चटकाय शब्द का ही प्रयोग किया।

अभिनेता अतुल तिवारी ने पूछा सवाल तो मिला ये जवाब

जिस पर अभिनेता अतुल तिवारी ने पूछा कि कबीर, रहीम, वृंद, तुलसी के ही दोहे आपने किताब में चुने हैं। बाकी कवियों के दोहे कब लेकर आएंगे? इस पर अख्तर ने कहा कि यह जिम्मेदारी मैं आपको देता हूं। साथ ही कहा कि जो दोहे आज के जीवन से जुड़े हुए है, उन्हें ही मैंने शामिल किया है।

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का शानदार आगाज

पिंकसिटी जयपुर में आज पांच दिवसीय जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का शानदार आगाज हुआ। संजय के रॉय और अन्य अ​तिथियों ने सुबह 10 बजे दीप प्रज्जवलित कर फेस्टिवल का उद्घाटन किया। खास बात ये है कि लिटरेचर फेस्टिवल में इस बार राजस्थानी संस्कृति की झलक भी देखने को मिल रही है।

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