मेनहंट: पाकिस्तान एंड द् सर्च फॉर बिन लादेन सेशन में सुहासिनी हैदर के साथ बिन लादेन का साक्षात्कार करने वाले पत्रकार और मेनहंट के लेखक पीटर बर्गिन, पूर्व विदेश सचिव टी.सी.ए. राघवन, कैथी स्कॉट क्लार्क और एड्रियन लेवी के साथ कन्वरसेशन किया।
इसमें हैदर ने सवाल किया कि जिस तरह अमेरिका ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी लादेन को ढेर किया, क्या उसी तरह से भारत भी पाकिस्तान में घुसकर आतंकी दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद और मसूद अजहर को खत्म कर सकता है। इस पर पूर्व विदेश सचिव टी.सी.ए. राघवन ने कहा कि भारत के लोग सोचते रहते हैं, लेकिन यह आसान काम नहीं है।
किसी दूर देश में इस तरह से हमला किया जा सकता है, लेकिन हमारे साथ रहने वाले 20 करोड़ की आबादी वाले पाकिस्तान पर हमला करना आसान नहीं है। इसके साथ ही उसके पास परमाणु हथियार भी है।
लादेन की ऑडियोलोजी के फॉलोवर अब भी मौजूद
पीटर बर्गिन ने बिन लादेन के साथ किए साक्षात्कार के बारे में बताया। जिसमें उन्होंने अल-कायदा के नेटवर्क के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिन लादेन के मरने के बाद अल-कायदा खत्म मानना बड़ी भूल जैसी है। उन्होंने कहा कि बिन लादेन जैसे आतंकी को पाकिस्तान में घुसकर मारना भले ही आसान रहा हो, लेकिन उनकी आइडियोलॉजी को मारना बहुत मुश्किल काम है।
पीटर बर्गिन ने बिन लादेन के साथ किए साक्षात्कार के बारे में बताया। जिसमें उन्होंने अल-कायदा के नेटवर्क के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिन लादेन के मरने के बाद अल-कायदा खत्म मानना बड़ी भूल जैसी है। उन्होंने कहा कि बिन लादेन जैसे आतंकी को पाकिस्तान में घुसकर मारना भले ही आसान रहा हो, लेकिन उनकी आइडियोलॉजी को मारना बहुत मुश्किल काम है।
लादेन की आइडियोलॉजी और उसके प्रशंसक जिंदा है। पाकिस्तान के समर्थन के चलते ही ओसामा पाकिस्तान में 9 साल तक रह सका। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकार के लादेन को संरक्षण के सबूत तो नहीं मिले हैं, लेकिन वहां की आर्मी या इंटेलीजेंस का लादेन को पूरा संरक्षण मिला हुआ था। पाकिस्तान आईएस जैसे संगठन को संरक्षण तो नहीं दे रहा है, बल्कि ये संगठन खुद उसके लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।