जेएलएन मार्ग पर फिर रफ्तार का कहर, कार की टक्कर से बाइक सवार हवा में उछला, गई एक छात्र की जान, दूसरा साथी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती
जेएलएन मार्ग पर फिर रफ्तार ने हवा में उछाला बाइक सवार को, छिनी एक और युवा की सांसें, देखें रौंगटे करने वाला वीडियो
अविनाश बाकोलिया / जयपुर। रफ्तार, नशे पर पुलिस की सख्त कार्रवाई के बावजूद जेएलएन मार्ग पर हादसे थम नहीं रहे हैं। जेडीए चौराहे पर तीन दिन में दो भीषण हादसों के बाद अब त्रिमूर्ति सर्किल पर वीभत्स कर देने वाली हादसे की तस्वीरें सामने आई है। रविवार सुबह 3.44 बजे एक तेज रफ्तार कार ने बाइक सवार दो छात्रों को जोरदार टक्कर मारी। टक्कर इतनी तेज थी कि बाइक सवार कई फीट दूर जाकर गिरे।
वहां से गुजर रहे राहगीर ने ऑटो में एक छात्र को अस्पताल पहुंचाया, जबकि दूसरे को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जबकि दूसरा छात्र जिंदगी की जंग लड़ रहा है। मौके पर पहुंची दुर्घटना थाना पुलिस ने कार जब्त कर चालक की तलाश कर रही है। दुर्घटना थाना (पूर्व) थानाधिकारी संजीव चौहान ने बताया कि ब्रह्मपुरी निवासी वैभव सिंघल (17) और प्रज्ज्वल डंगायच (20) रविवार सुबह चार बजे त्रिमूर्ति सर्किल क्रॉस करके घर जा रहे थे। गोविंद मार्ग की तरफ से तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि कार की दिशा रामनिवास बाग की तरफ हो गई। चालक कार छोड़कर वहां से फरार हो गया। हादसे में वैभव सिंघल की मौत हो गई और प्रज्ज्वल का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
दो बार पहुंचे घर नहीं मिला चालक थानाधिकारी ने बताया कि कार के नंबरों के आधार पर चालक की तलाश की गई। कार विमलेश सैनी के नाम से हैं। पुलिस दो बार चालक के घर पहुंची, लेकिन विमलेश ने बताया उसके पति कैलाश चंद किसी काम से बाहर गए हुए हैं। चालक के आने के बाद पूछताछ की जाएगी।
रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार मृतक के पिता ब्रजगोपाल सिंघल ने बताया कि वैभव और प्रज्ज्वल सीए की तैयारी कर रहे थे। 14 अगस्त को सीए फाउंडेशन का परिणाम आने वाला था। वैभव का सैकंड अटैम्प्ट था। उसे परिणाम का बेसब्री से इंतजार था कि इस बार पास हो जाएगा।
मेरा बेटा कैसे मरा मुझे सिर्फ यह जानना है मेरा बेटा कैसे मरा यह तक मुझे नहीं पता। मुझे सिर्फ यह जानना है वह कैसे मरा। यह कहते-कहते ब्रजगोपाल फफक-फफक कर रोने लगे। उन्होंने बताया कि शुरू से उसे सीए बनने का सपना था। वह हमेशा कहता था पापा सीए बनकर एक दिन अच्छी गाड़ी लाऊंगा। वह घर से जब भी निकलता था, तब बाय करके जरूरत जाता था। इस बार बाय करके नहीं गया बेटा और….। इतना कहते ही वह चुप हो गए।