
आलाकमान हुआ सख्त, बयानवीरों पर भाजपा की 'तिरछी नजरें'
जयपुर।
भाजपा संगठन ने बयानवीर नेताओं पर नजरें 'तिरछी' कर ली हैं। पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वाले और अनर्गल बयानबाजी करने वाले नेताओं पर पार्टी हाथोंहाथ कार्रवाई करेगी। प्रभारी अरुण सिंह के जयपुर दौरे के बाद यह बात छनकर सामने आई है।
वरिष्ठ विधायक कैलाश मेघवाल के नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया के खिलाफ लेटर बम फोड़ने के बाद जयपुर आए प्रभारी ने अपने बयान में भी साफ कर दिया था कि इस तरह के बयानों को पार्टी ठंडे बस्ते में डालने वाली नहीं है। इसके बाद वसुंधरा खेमे के विधायक कालीचरण सराफ व प्रताप सिंह सिंघवी के साथ उनकी मुलाकात और उसके बाद प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां का सिंघवी के घर जाकर चाय पीना इस बात का संकेत दे रहा है कि पार्टी अब सख्ती करेगी। वैसे भी रोहिताश्व शर्मा पर हुई कार्रवाई के बाद ज्यादातर बयानवीर नेता चुप हैं।
जयपुर के नेताओं पर विशेष नजरें गढ़ाई
संगठन की विशेष रूप से जयपुर के नेताओं पर विशेष नजरें हैं। निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर के पैसे लेन—देन के कथित वीडियो वायरल मामले भी कुछ भाजपा नेताओं की लिप्तता को लेकर भी चर्चा है। केंद्रीय नेतृत्व भी इस पूरे प्रकरण पर नजर रखे हुए है। आलाकमान को भी इसकी पूरी जानकारी है। यही वजह है कि अंदरखाने इन नेताओं में भी खलबली मची हुई है।
इस बार अलग दिखा है अरुण सिंह का मिजाज
प्रभारी के रूप में अरुण सिंह का इस बार का जयपुर प्रवास अलग मिजाज वाला रहा। एयरपोर्ट पर उन्होंने जिस तरह से नेताओं की बयानबाजी पर कहा कि इससे पार्टी को नुकसान होता है और बयान ठंडे बस्ते में नहीं डाले जाएंगे। इसके बाद ही स्पष्ट हो गया कि इस बार आलाकमान ने उन्हें सख्ती करने के निर्देश दिए थे। यही वजह है कि कैलाश मेघवाल में भी अरुण सिंह से मुलाकात के बाद मान गए।
Published on:
12 Sept 2021 05:04 pm
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