जांच में सामने आया है कि ज्योति ने राजस्थान के विभिन्न इलाकों में कई बार यात्रा की थी और पाकिस्तान सीमा के नजदीक स्थित थार क्षेत्र में विदेशी मुद्रा का भुगतान भी किया गया था। आरोप है कि ज्योति ने भारत की खुफिया जानकारियाँ पाकिस्तानी एजेंसियों तक पहुँचाई और कई जगहों के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किए।
एसआईटी के अनुसार ज्योति ने बाड़मेर जिले के मुनाबाव रेलवे स्टेशन का वीडियो बनाया, जो अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है। इसके अलावा भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के विभिन्न हिस्सों की वीडियो रिकॉर्डिंग और फोटोग्राफी भी की गई। पूछताछ में एसआईटी ने पूछा कि ज्योति बार-बार बॉर्डर एरिया में क्यों गई और उसका असली मकसद क्या था।
चौंकाने वाली बात यह है कि पाकिस्तान दौरे के बाद ज्योति की सोशल मीडिया पर लोकप्रियता अचानक तेजी से बढ़ी। वहां उसे वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया, जो आमतौर पर विदेशी पत्रकारों को भी नहीं मिलता। उसे विशेष वीजा और सुरक्षा कवर प्रदान किया गया। जांच एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान ने ज्योति को बतौर ‘एसेट्स’ इस्तेमाल किया और प्रचार माध्यमों के जरिए उसके जरिए भारत की छवि को प्रभावित करने की कोशिश की।