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कर्नाटक : कांग्रेस ने अपने 14 बागी विधायकों को पार्टी से निकाला

locationजयपुरPublished: Jul 31, 2019 01:34:17 am

Submitted by:

sanjay kaushik

कर्नाटक(Karnataka) में कांग्रेस(Conress) ने अपने 14 बागी(Rebel) विधायकों (MLA)को पार्टी से निकाला, किया था पार्टी व्हिप(Whip) का उल्लंघन, कुमार स्वामी की सरकार गिर(Fallen) गई थी

कांग्रेस की ओर से निष्कासित 14 बागी विधायक।

कांग्रेस की ओर से निष्कासित 14 बागी विधायक।

-विश्वास मत पर मतदान करने नहीं आए थे बागी विधायक

-गिर गई थी कुमार स्वामी की सरकार

-पार्टी व्हिप का किया था उल्लंघन

-अध्यक्ष ने सदस्यता के अयोग्य दिया था करार
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कर्नाटक में 14 पूर्व विधायकों को मंंगलवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया। ये 14 बागी विधायक विधानसभा में पिछले सप्ताह कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी की ओर से पेश विश्वास मत प्रस्ताव पर मतदान करने नहीं आए थे। उन्होंने पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया था, जिसके कारण बाद में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार ने उन्हें सदन की सदस्यता के अयोग्य करार दे दिया था। इन विधायकों के मतदान न करने से गठबंधन सरकार गिर गई थी।
—केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष के प्रस्ताव का किया अनुमोदन

कांग्रेस महासचिव एवं कर्नाटक के प्रभारी के.सी. वेणुगोपाल ने मंगलवार रात यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ने 14 पूर्व विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हाने के कारण पार्टी से निष्कासित करने के कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है।
—ये नेता निष्कासित

निष्कासित किए गए नेताओं में महेश आई. कुमातलली, श्रीमंत बी. पाटिल, रमेश जर्किहोली, प्रताप गौड़ा पाटिल, शिवराम महाबलेश्वर हेबर, बी.सी. पाटिल, आर. शंकर, आनंद ङ्क्षसह, के. सुधाकर, बी.ए. बासवराज, एस.टी. सोमशेखर, मुनीरत्न, आर. रोशन बेग और एम.टी.बी. नागराज शामिल हैं।
—पहले ही दे दिए थे इस्तीफे

गौरतलब है कि इन 14 नेताओं ने विश्वास मत प्रस्ताव विधानसभा में पेश किए जाने से कुछ दिन पहले ही सदन की सदस्यता से इस्तीफे दे दिए थे। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की ओर से इस्तीफे मंजूर न किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था, लेकिन न्यायालय ने इस्तीफों पर निर्णय लेने का फैसला विधानसभा अध्यक्ष पर छोड़ दिया था। विधानसभा में 23 जुलाई को विश्वासमत प्रस्ताव पर मतदान के दौरान इनके उपस्थित न रहने के कारण 14 माह पुरानी कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार गिर गई थी।
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