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Kartik Maas 2023: कार्तिक माह में स्नान करने का है विशेष महत्व, इन बातों का रखें जरूर ध्यान

पवित्र मास कार्तिक की शुरुआत रविवार से हो गई। इस मास में कई पर्वों के साथ रोशनी का त्योहार दीपावली भी आएगा। इस दौरान धनतेरस के अलावा देवउठनी एकादशी सहित अनेक त्योहारों की रौनक छाई रहेगी।

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Kartik Maas 2023: पवित्र मास कार्तिक की शुरुआत रविवार से हो गई। कार्तिक मास में राजस्थान में पुष्कर तीर्थ सहित कई जगह स्नान करने का विशेष महत्व है। कार्तिक मास में कई पर्वों के साथ रोशनी का त्योहार दीपावली भी आएगा। इस दौरान धनतेरस के अलावा देवउठनी एकादशी सहित अनेक त्योहारों की रौनक छाई रहेगी। स्नानदान के साथ-साथ भगवान विष्णु की आराधना के लिए भी यह मास विशेष फलदायी माना जाता है। पवित्र कार्तिक माह की शुरुआत रविवार से हो गई जो 27 नवम्बर कार्तिक पूर्णिमा तक रहेगा।


कार्तिक माह में दीपोत्सव की धूम रहेगी। धन तेरस से भाई दूज तक पर्व की रौनक छाई रहेगी। पंडितों के अनुसार कार्तिक माह भगवान विष्णु की आराधना के लिए विशेष फलदायी होता है। इस माह में साधना, आराधना, जाप आदि करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।


पुण्य प्राप्ति के लिए कार्तिक मास में सूर्योदय से पूर्व ही स्नान करना चाहिए। इसके बाद भागवान विष्णु की पूजा करना चाहिए। इस माह में भूमि शयन करना चाहिए। भोजन के रूप में गेहूं, मूंग, दूध-दही—घी आदि का सेवन करें और मांसाहार, लहसुन, प्याज का सेवन न करें।


इस माह कार्तिक महात्म्य की कथा का विधान है। इसके साथ ही इस मास में तीर्थ स्थलों पर स्नान दान करने का भी विशेष महत्व है। पवित्र नदियों में स्नान करने से आयुष्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है। इस माह गोपूजन का भी विशेष महत्व है। गोवर्धन पूजा और गोपाष्टमी के दिन इस माह में गोमाता की पूजा करना विशेष फलदायी माना गया है। कई श्रद्धालु पूरे महीने सूर्योदय के पूर्व स्नान कर देव स्थल के दर्शन को जाते है।

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