
अंग्रेजी न जानने के भेदभाव पर व्यंग्य करता है कवीश का गाना
बुक लॉन्च के दौरान मिली प्रेरणा
कवीश(Kavish Seth) इस गाने को बनाने की कहानी पर बताते हैं कि उन्हें यह गाना बनाने की प्रेरणा एक घटना से मिली। जब वह साउथ बॉम्बे में अपने आइआइटी एलुमनाई की बुक लॉन्च पर गए थे। उस दौरान प्रश्नोत्तर सत्र के समय किसी व्यक्ति ने हिंदी में एक सवाल पूछा। सब लोग हैरानी से उसे देखने लगे कि यहां वह हिंदी में क्यों बात कर रहा है। यह व्यवहार देख कवीश भी सवाल करने से हिचक गए और वहां से निकल गए। वह हैरान इस बात से थे कि जो लोग वहां थे, वह पढ़ाई के दौरान उनके सीनियर या साथी हुआ करते थे। घर लौटते वक्त वह इस व्यवहार पर शर्म महसूस कर रहे थे। घर जाते समय वह लोकल ट्रेन से उतरे और उन्होंने घर की ओर पैदल चलते-चलते यह पूरा गाना बनाया। इसके बाद उनका बनारस जाना हुआ और भोजपुरी कलाकारों के साथ इस गाने को संगीत का साथ मिला। इस तरह उन्होंने इस गीत को तैयार किया।
गाने का जॉनर है ‘चबूतरा’
कवीश इस संगीत को ‘फोक’ या ‘फ्यूजन’ कहने से बचते हैं क्योंकि यह सही शब्द नहीं है। जॉनर के बारे में उनके बलिया के पत्रकार साथी ने कहा था, ‘गीत तो कलाकार गाता है, लोग जब साथ आते संगीत हो जाता है।’ ऐसे में कवीश ने इस गाने के जॉनर को ‘चबूतरा’ नाम दिया है। चबूतरा वह एक जगह हैं, जहां लोग साथ बैठकर भावनाओं को व्यक्त करते हैं। यह गाना मुंबई में और मध्य प्रदेश के एक गांव टिमरनी में फिल्माया है।
Published on:
17 Jul 2023 01:32 pm
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