किसानों के मुद्दे पर अनशन की अनुमति नहीं मिलने से रिक्शे में घूम-घूमकर अनशन कर रहे जाट गुरुवार को प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनके साथ सरकार और प्रशासन पाकिस्तानी नागरिक के समान व्यवहार कर रहे हैं। जबकि उन्होंने केवल 101 किसान व कार्यकर्ताओं के साथ अनशन करने की अनुमति मांगी थी। इससे पहले उन्होंने मुख्य सचिव से मिलने का समय भी मांगा था लेकिन मुख्य सचिव ने भी उनसे मिलकर बात करना उचित नहीं समझा।
पुलिस ने ही उन्हें शिप्रापथ थाने के सामने अनशन करने को कहा और रात करीब दो बजे जगाकर वहां से हटा दिया। जयपुर पुलिस आयुक्त पार्टी के नेताओं के साथ बेहद अपमानजनक व्यवहार कर रहे हैं। जाट ने आरोप लगाया कि पुलिस आयुक्त ने उनके दो वकीलों केा करीब चार घंटे तक इंतजार करवाया और फिर अनुमति देने से इनकार कर दिया। जाट ने कहा कि वर्तमान समय में अघोषित आपातकाल के हालात हैं लेकिन,वह किसी भी हाल में पीछे नहीं हटेंगे।
किसानों की फसल का किसान की मर्जी के बिना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कर लिया और फसल खराब होने पर क्लेम नहीं दिया जा रहा है। मूंग,उड़द और तिल सहित बाजरा और ज्वार आदि भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदे जा रहे हैं। किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
एक सवाल के जवाब में रामपाल जाट ने माना कि वह मूलत: आरएसएस से जुडे रहे हैं लेकिन,वर्तमान समय में आरएसएस भी किसान विरोधी हो चुकी है और वह किसी भी हाल में किसान विरोधी संगठन या पार्टी के साथ नहीं रहेंगे। प्रदेश प्रभारी दीपक बाजपेयी ने बताया कि जयपुर पुलिस ने पहले तो केजरीवाल की 28 अक्टूबर की सभा की अनुमति नहीं दी थी लेकिन, गुरुवार को सुबह अनुमति देने की सूचना पार्टी को दे दी गई है।