कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अध्यक्षता में हुई बैठक में संघर्ष समिति के महामंत्री एडवोकेट शैलेन्द्र गुर्जर के अलावा कैप्टन जगराम, देवाराम कटारिया, राधाकृष्ण पोसवाल, विजय सिंह, रविप्रकाश व अन्य सदस्य उपस्थित रहे। बैठक के बाद संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने सरकार से देवनारायण योजना पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। कांग्रेस ने इस योजना को लेकर हालांकि चुनावी घोषणा पत्र में कोई वादा तो नहीं किया था लेकिन गुर्जर, रायका, बंजारा, गाड़िया लुहार को विशेष पिछड़े वर्ग (एसबीसी) का पांच प्रतिशत आरक्षण कानूनी रूप से मिले यह सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध होने की बात कही थी।
इसके अलावा नर्सिंग भर्ती, जूनियर आकउंटेंट भर्ती में पद आरक्षित करने की मांग की। यह भी कहा कि सरकार गुर्जरों को लोकसभा चुनाव से पहले पांच प्रतिशत आरक्षण दे। गौरतलब है कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार से गुर्जर समाज का एक बड़ा तबका पांच फीसद आरक्षण दिए जाने में हो रही देरी और टालमटोल रवैय्ये से नाराज़ चल रहा था। जानकार भी मानते है कि कई सीटों में समाज की नाराज़गी का ही परिणाम रहा कि भाजपा को चुनाव में हार के साथ खामियाज़ा चुकाना पड़ा है। ऐसे में अब गेंद गहलोत सरकार के पाले में आ गई है, जो उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा।