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क्या किरोड़ी लाल मीणा वापस लेंगे इस्तीफा? अलवर दौरे के बाद मिले बड़े संकेत; फोन टैपिंग पर फिर दिया ये बयान

कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार फिर सियासी हलकों में हलचल पैदा कर दी है।

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kirodi lal meena

मंत्री किरोड़ी लाल मीणा

Rajasthan Politics: राजस्थान में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा अपने बयानों से लगातार चर्चाओं में बने रहते हैं। सोमवार को मंत्री मीणा के अलवर दौरे ने प्रदेश के सियासी हलकों में हलचल पैदा कर दी। माना जा रहा है कि किरोड़ी लाल मीणा इस्तीफा वापस ले सकते है। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि 'सरकार ने 9 महीने तक मेरा इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। इसलिए अब मैं नियमित रूप से अलवर आऊंगा। मेरे लिए कोई लक्ष्मण रेखा नहीं है।'

गौरतलब है कि किरोड़ी लाल मीणा ने अपने प्रतिनिधित्व वाली तीन लोकसभा सीट से भाजपा के चुनाव हारने के बाद मंत्री पद से 20 जून को इस्तीफा दिया था। हालांकि सरकार ने 9 महीने बाद तक इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।

अपनी ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

किरोड़ी लाल मीणा लगातार अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने में पीछे नहीं रहे है। उन्होंने अपनी ही सरकार पर फोन टैपिंग करवाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि मेरे लिए सीआईडी लाई जा रही है और मेरा फोन टैप हो रहा है।

साथ ही बीसलपुर में अवैध बजरी खनन को लेकर अपनी ही सरकार पर सवालिया निशाना खड़े किए थे। दोनों ही मामले में सरकार को विधानसभा में जवाब देना पड़ा था। यहां तक की मंत्री मीणा एसआई पेपर रद्द करने की मांग को लेकर अभी भी अड़े हुए हैं।

यह भी पढ़ें : ‘फोन टैपिंग की स्पीड से तेज मेरी दौड़, मुद्दों को खत्म नहीं होने दूंगा’, किरोड़ी लाल मीणा ने फिर बढ़ाई सियासी हलचल

मीणा को हटा नहीं पा रही बीजेपी- डोटासरा

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने आज उदयपुर के सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि बीजेपी ड्रामा पार्टी है। सरकार में ब्यूरोक्रेसी हावी है, जहां पर मंत्रियों की सुनी नहीं जा रही है। सरकार अपनी पार्टी के केबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को न तो चुप करा पा रही। न ही पार्टी से हटा पा रही। अनुशासनहीनता के नोटिस का भी कोई असर नहीं है।

यूं दिया इस्तीफा

बता दें कि राजस्थान में लोकसभा चुनाव की 25 सीटों में से भाजपा ने 14 सीटे जीती थी। किरोड़ी लाल को राजस्थान की सात लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी पीएम नरेंद्र मोदी ने दी थी। इन सात सीटों में से तीन सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। जबकि दौसा और टोंक लोकसभा क्षेत्र में उनका बड़ा प्रभाव है। जिसके बाद उन्होंने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।