जयसिंह का जवाब सुन खुश हुए बादशाह ने उसके हाथ छोड़ दिए और शाही फरमान में लिखा कि ..आमेर के मिर्जा राजा मानसिंह के वंश में जयसिंह उनसे भी सवाया हैं। औरंगजेब ने जयसिंह को आमेर का राजा बनाने पर मुहर लगाई। जयपुर फाउंडेशन के संस्थापक सियाशरण लश्करी के अनुसार बादशाह ने कहा कि ..जयसिंह उम्र से तो बालवय है, लेकिन इसकी बुद्धि और स्वभाव समझदार बुजुर्ग जैसा है। इसलिए अब यह सवाई जयसिंह के नाम से जाना जाएगा। सवाई का अलंकरण देने के बाद औरंगजेब ने सवाई जयसिंह को दो हजारी जात का राजा और दो हजार सैनिक सवारों का मनसब दिया और खेलना का दुर्ग जीतने के लिए भेजा। जयसिंह ने 14 सेनाओं के साथ खेलना के शक्तिशाली दुर्ग को पांच दिन के युद्ध में विजय कर लिया।