25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Explainer : जानिए कितने घातक होते हैं फॉस्फोरस बम

इसके संपर्क में आने से व्यक्ति बच भी जाए तो गंभीर संक्रमण के कारण हार्ट, लिवर, किडनी को गंभीर नुकसान होता है। मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो सकता है।

2 min read
Google source verification
Explainer : जानिए कितने घातक होते हैं फॉस्फोरस बम

Explainer : जानिए कितने घातक होते हैं फॉस्फोरस बम

नई दिल्ली. हमास के ठिकानों को तबाह करने के लिए इजरायल ने कई विध्वंसक हथियारों का इस्तेमाल किया। हमास का दावा है कि इजरायल ने फिलिस्तीन की घनी आबादी वाले इलाकों में प्रतिबंधित फॉस्फोरस बम गिराए हैं। इससे पहले यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस पर इसके इस्तेमाल का आरोप लगा है। यहां जानिए क्यों घातक होते हैं फॉस्फोरस बम।

क्या है फॉस्फोरस बम
फॉस्फोरस बम सफेद फॉस्फोरस और रबर को मिलाकर बनाया जाता है। फॉस्फोरस मोम जैसा रवेदार रसायन होता है, जो हल्का पीला या रंगहीन होता है।

क्यों घातक है
यह ऑक्सीजन के संपर्क में आते ही आग पकड़ लेता है। जहां भी गिरता है, उस जगह ऑक्सीजन को सोखने लगता है। ऐसे में जो इसके सीधे नुकसान से बच जाते हैं, वे दम घुटने से मर जाते हैं। यह तब तक जलता रहता है, जब तक पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता।

शरीर पर कैसे करता है असर
फॉस्फोरस बम 1300 डिग्री सेल्सियस तक जल सकता है, इसलिए आग से ज्यादा जलन और जख्म देता है। हड्डियों को गला सकता है। इसके संपर्क में आने से व्यक्ति बच भी जाए तो गंभीर संक्रमण के कारण हार्ट, लिवर, किडनी को गंभीर नुकसान होता है। मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो सकता है।

कब से हो रहा इस्तेमाल
दूसरे विश्वयुद्ध में अमरीकी सेना ने जर्मनी के खिलाफ इनका काफी प्रयोग किया था। इसका हमला छोटे परमाणु बम जैसा होता है। इराक युद्ध में अमरीकी सेना ने इराक में भी इसका प्रयोग किया था।

क्या ये प्रतिबंधित हैं
हां, 1980 में जिनेवा कन्वेंशन में सफेद फॉस्फोरस बमों को प्रतिबंधित किया गया था। इसके कम से कम इस्तेमाल पर तब 115 देशों ने हस्ताक्षर किए थे। हालांकि इजरायल ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए। इसमें तय हुआ कि यदि इस बम का इस्तेमाल रिहायशी इलाकों में हुआ तो इसे कैमिकल अटैक माना जाएगा और उस देश पर युद्ध अपराध के तहत कार्रवाई होगी।

फिर क्यों हो रहा प्रयोग
जिनेवा प्रोटोकॉल में कुछ खामियां रह गईं। मसलन, रिहायशी इलाके में हवा से जमीन पर इनका प्रयोग नहीं हो सकता। अमरीका या अन्य देशों ने इसी बात का फायदा उठाया और जमीन से जमीन पर हमले को चुना, जो उतना ही खतरनाक साबित हो रहा है।