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Aaj Ka Rashifal 25 june : क्या कहता है आपका भाग्या बता रहे हैं तीन ज्योतिषाचार्य

पढ़े तीन ज्‍योतिषियों से राशिफल स‍मेत फैमिली एस्‍ट्रो स्‍पेशल सिर्फ पत्रिका पर

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आपके सवालों के जवाब फैमिली एस्ट्रो स्पेशल पर
ज्योतिषाचार्य: पं. मुकेश भारद्वाज के साथ

यहां पाएं चार तरह की एस्ट्रो विधाओं के टिप्स
1). अंकगणित
2). टैरो कार्ड
3). वैदिक ज्योतिष (सनसाइन-मूनसाइन)
4). वास्तु शास्‍त्र
यह कॉलम उन पाठकों के लिए है जो ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से भविष्य के पूर्वानुमानों में भी रुचि रखते हैं। भविष्य के पूर्वानुमान लगाने की लगभग सभी लोकप्रिय विधाओं को समाहित कर इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए यह देश में एक नए तरह की पहल है। जिसमें पाठक ना केवल दिन से जुड़ी सम्भावनाओं की जानकारी लें सकेगें साथ ही भविष्य से जुड़े प्रश्न भेज पूर्वानुमान प्राप्त कर सकेगें।
इस कॉलम में अंकगणित टैरो कार्ड, सनसाइन, वैदिक ज्योतिष एवं मून साइन के अनुसार ग्रह नक्षत्र के समग्र प्रभाव का पूर्वानुमान और संभावना पर लगातार जानकारियों को साझा करेंगे।

ज्योतिषाचार्य: पं. मुकेश भारद्वाज के साथ

अंक ज्योतिष के अनुसार आज का मूलांक 7 है जो दो और पांच के सहयोग से बना है। वहीं आज का भाग्य अंक दो है जो 3 और 8 के सहयोग से बना है। आज के दिन में सभी का सहयोग करने सभी को साथ लेकर चलने और समन्वय प्रेम दूरदृष्टि और आनंद के साथ पूरे कार्यों को करने की एनर्जी मौजूद है। पिछले दिनों अगर भावनात्मक समस्याएं व्यापारिक तनाव या किसी प्रकार के व्यवहार संबंधी समस्याओं के कारण जीवन में कुछ अनियमितताएं हैं तो उन्हें ठीक करने का आज बेहतरीन अवसर मौजूद है। आज के दिन में समन्वय और सौहार्द स्थापित करने की पूरी ऊर्जा उपलब्ध है मूलांक दो 3, 5, 6, 7 वालों के लिए बेहतर दिन है।

टैरो कार्ड के अनुसार आज का कार्ड स्टार है। इसके मायने यह है कि आज के दिन में होप, इंस्पिरेशन, जेनेरोसिटी के साथ इमोशनल इंटेलिजेंस मौजूद रहेगा। इसके प्रभाव में आज का दिन बेहद सरल और सकारात्मक रहने की संभावना है। दूसरों की मदद करते हुए खुशी और आनंद का अनुभव करने का दिन है। अपने परिवार आसपास के लोगों से संबंधों में सुधार के साथ रिश्तो की पुनर्स्थापना भी हो सकती है।टैरो कार्ड संदेश देते हैं कि आज का दिन दूसरों की मदद करने और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने के साथ अपनी मन की निराशा को दूर करते हुए आनंदित होने का है अकेलेपन से बाहर आकर दूसरों के साथ संपर्क बनाने का प्रयास करें सफल रह सकते हैं।

सनसाइन के अनुसार आज का दिन हर किसी के लिए एक बेहतर दिन हो सकता है। कार्यस्थल पर आपसी सहयोग और समन्वय के साथ ऐसे लोगों के कार्य भी पूरे होने की संभावना है जिनके पास कोई खास व्यवस्थाएं नहीं है। उच्चाधिकारियों के साथ दूरगामी परिणामों को लेकर महत्वपूर्ण वार्तालाप होने की संभावना रहेगी।

मूनसाइन में आज का दिन भावनात्मक संबंधों के लिए अविस्मरणीय दिन भी साबित हो सकता है। बहुत सौम्य सहज लेकिन उच्च स्तर की भावनात्मक तीव्रता के कारण सभी रुकावटें या नाराजगी दूर हो सकेगी और एक ऐसे वातावरण बातचीत होगी जिसका बहुत दिनों से इंतजार था। आपसी सद्भाव और एक दूसरे के लिए सहयोग की भावना और भविष्य की योजनाओं के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण कई दिनों तक याद रहेगा।

कैसा रहेगा इस सप्ताह आपका रिश्ते संबंधो का राशिफल?
रिश्ते संबंधों के लिए आने वाला सप्ताह मिले-जुले प्रभाव वाला रहेगा। सप्ताह का प्रथम भाग जहां एक और विशेष रुप से सकारात्मकता लिए रहेगा वहीं सप्ताह के मध्य भाग में दूसरों की भावनात्मक उपस्थिति तनावपूर्ण स्थिति बना सकती है। ईर्ष्या कब द्वेष में बदल जाए कहना मुश्किल होगा। अपने मनोभावों पर नियंत्रण रखते हुए बातचीत से समस्याओं के हल निकालने होंगे। सप्ताह का अंतिम भाग समन्वय और सोहद्र से परिपूर्ण हो सकता है अगर संबंधों में तनाव आ जाए तो इस समय का सदुपयोग करें।

आपका सवाल

पूजा में अशोक के पत्तों का उपयोंग क्यों होता है?
अशोक के पत्तों का सनातन संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। सभी मांगलिक कार्यों में अशोक के पत्तों को शामिल किया जाता है। जब जल से भरे कलश में संपूर्ण ब्रह्मांड के प्रतिनिधि के रूप में नारियल को स्थापित किया जाता है उसके चारों ओर पंच तत्वों के प्रतिनिधि के रूप में 5 अशोक के पत्ते लगाए जाते हैं। ऐसे ही किसी भी घर के प्रवेश द्वार पर षोडश मातृका की प्रतिनिधि के रूप में अशोक के पत्तों के 16 पत्ते बंदरवाल के रूप में लगाए जाते हैं। विभिन्न मांगलिक कार्यों में अशोक के पत्तों को अलग-अलग देवताओं के प्रतिनिधि के रूप में उनकी अनुपस्थिति में आवाहन करते हुए इन पत्तों में उन्हें स्थान दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि अशोक के वृक्ष के पत्ते सभी देवताओं के अनुकूल हैं और यह किसी भी देवता के प्रतिकूल नहीं है। जहां अशोक के पत्ते होते हैं वहां नकारात्मकता नहीं रहती, शोक नहीं रहता, सदैव आनंद और आपसी सौहार्द पूर्ण वातावरण के द्वारा सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है। नकारात्मक ऊर्जा को सोख लेने की क्षमता के कारण और सभी देवताओं के अनुकूल होने कारण सनातन संस्कृति में अशोक के वृक्ष का और इन के पत्तों का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।

आज का दैनिक राशिफल ज्यो पं चंदन श्याम नारायाण व्यास पंचांगकर्ता के साथ

मेष- दिन की शुरुआत में मन उदास रहेगा। किसी विषय को समझने की जिज्ञासा रहेगी। अपने अधिनस्तों के किये कार्यों की सराहना करें लाभ होगा।

वृषभ- विवादित मामलों में विजय प्राप्त होगी। कुछ नया सिखने को मिलेगा। जिंदगी से जुड़ी निजी बातें आज सामने आ सकती हैं। नौकरी में उत्साह की कमी रहेगी।

मिथुन- प्रतियोगिता में सफल होंगे। जीवन साथी के साथ मतभेद संभव है। अपने कार्य के प्रति ईमानदार रहें। मनचाहा जवाब न मिलने से निराश रहेंगे।

कर्क- नकारात्मक सोच से निराश मिलेगी। स्वयं अपने आप पर से नियंत्रण खो देंगे। मित्रों से मतभेद हो सकते हैं। कार्य स्थल पर जन हानि के योग है। इष्ट बल मजबूत करें।

सिंह-अपने प्रोफेशन से आप न खुश हैं समय के साथ स्थिति आप के अनुकूल बनेगी। जीवन साथी का व्यवहार मनोबल बढ़एगा। कर्ज लेने की स्थिति निर्मित हो सकती है।

कन्या- जरूरतमंद लोगों की मदद करें। मांगलिक कार्यक्रमों की रूप रेखा बनेगी। राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे। पैसों का लेन देन संभव। खान पान पर ध्यान दें। स्वास्थय बिगड़ सकता है।

तुला- घरेलू कार्यों में व्यस्त रहेंगे। विद्यार्थी परिणामों को लेकर चिन्तित रहेंगे। मेहमानों का आगमान हो सकता है। जमीन जायदाद के मसले निपटेंगे। धन कमाने की चाह में कोई गलत फेसले न लें।

वृश्चिक- जो भी करें दिल से करें। धार्मिक कार्यो में रूचि बढ़ेगी। लोगों से प्रोत्साहन मिलेगा। पारिवारिक रिश्ते मजबूत होंगे। मित्रों के साथ समय व्यतीत होगा। बुरी संगत छोड़ दें। अन्यथा नुक्सान होगा।

धनु-कार्यस्थल पर जो लोग आप को पसंद नहीं करते थे वे आप के कार्यों की तारीफ़ करेंगे। कार्य पूर्ण करने के लिए किसी की मदद लेनी होगी। बिना पूछे अपनी राय न दें।

मकर- तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है, बेहतर होगा कहीं घुमने चले जाएं। आप के अपनों को आप की जरूरत है। मोज मस्ती पर खर्च होगा। पिता के व्यवहार में परिवर्तन से चिन्तित रहेंगे।

कुम्भ- अकारण किसी विवाद में फस सकते हैं। मानसिकता को बदलने की बेहत जरूरत है। उन्नति में बाधा आएगी। कोई खुशखबरी सुन सकते हैं। यात्रा सुखद रहेगी।

मीन- नौकरी बदलने का मन बना चुके हैं। किसी की सिफारिश से कार्य हो सकता है। संचित धन का निवेश लाभप्रद रहेगा। किसी के बहकावे में आने से रिश्ते कमजोर होंगे। संतान सुख की प्राप्ति संभव।

शुभ वि. सं: 2080
संवत्सर का नाम: पिङ्गल
शाके सम्वत: 1945
हिजरी सम्वत: 1444
मु. मास: जिलहिज-06
अयन: दक्षिणायण
ऋतु: वर्षा
मास: आषाढ़
पक्ष: शुक्ल

शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में विवाह केअ.आव. में (व्यतिपात भद्रा दोष युक्त) तथा प्रसूतिस्नान के मुहूर्त हैं।

श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज प्रात: 07-21 से दोपहर 12-29 तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा दोपहर बाद 02-12 से अपराह्न 03-55 तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 12-01 से दोपहर 12-56 तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त हैं, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।

आज जन्म लेने वाले बच्चे: आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (टू, टे, टो, प, पी) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। सायं 04-12 तक जन्मे जातकों की जन्म राशि सिंह व इसके बाद जन्मे जातकों की जन्म राशि कन्या है। सिंह राशि के स्वामी सूर्य व कन्या राशि के स्वामी बुध हैं। इनका जन्म रजतपाद से है, जो शुभ फलप्रद है। सामान्यत: ये जातक शत्रुजयी, होशियार, प्रत्येक कार्य में निपुण, आकर्षक, अच्छे प्रभावशाली, राजनेताओं सरकारी अधिकारियों से अच्छे सम्बन्ध रखने वाले होते है। इनका भाग्योदय लगभग 30 वर्ष की आयु तक होता है। सिंह राशि वाले जातकों का अर्थपक्ष मजबूत रहेगा। मन चाहा लाभ भी मिलेगा। कार्य-क्षेत्र विकसित होगा। उच्चस्तरीय लोगों से सम्पर्क बढ़ेंगे।

शुभ तिथि: सप्तमी भद्रा संज्ञक शुभ तिथि रात्रि 12-26 तक, तदन्तर अष्टमी जया संज्ञक तिथि प्रारम्भ हो जायेगी। सप्तमी तिथि में वाहन, यात्रा, विवाहादि मांगलिक कार्य, नाचना, गाना, वस्त्र अलंकार, गृहारम्भ, गृह-प्रवेश आदि सभी कार्य शुभ व सिद्ध होते है। अष्टमी तिथि में नाचना, गाना, रत्न परिक्षण व विवाहादि कार्य शुभ होते हैं।

नक्षत्र: पूर्वाफाल्गुनी ‘‘उग्र व अधोमुख’’ संज्ञक नक्षत्र प्रात: 10-11 तक, तदन्तर उत्तराफाल्गुनी ‘‘धु्रव व ऊध्र्वमुख’’ संज्ञक नक्षत्र है। पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में साहस, विद्या, जनेऊ सगाई व रोका, कुआ, व कृषि सम्बन्धी कार्य तथा उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में विवाहादि समस्त शुभ मांगलिक कार्य करने योग्य हैं।

योग: व्यतिपात नामक अत्यन्त बाधा कारक अशुभ योग सम्पूर्ण दिवारात्रि है। व्यतिपात नामक योग की समस्त घटियां शुभकार्यों में सर्वथा वर्जित हैं।

विशिष्ट योग: राजयोग नामक शुभ योग सूर्योदय से पूर्वाह्न 10-11 तक, दोष समूह नाशक शक्तिशाली शुभ योग भी प्रात: 10-11 तक, त्रिपुष्कर नामक शुभाशुभ योग प्रात: 10-11 से रात्रि 12-26 तक तथा सर्वार्थसिद्धि नामक शुभ योग प्रात: 10-11 से अगले दिन सूर्योदय तक है।

करण: भद्रा संज्ञक विष्टि नामकरण रात्रि 12-26 से। इससे पूर्व सूर्योदय से गर-वणिजादिक करण क्रमश: रहे हैं।

व्रतोत्सव: आज विवस्त सप्तमी, सूर्या पूजा, भानु सप्तमी तथा व्यतिपात पुण्यं है।

चन्द्रमा: चन्द्रमा सायं 04-52 तक सिंह राशि में, इसके बाद कन्या राशि में होगा।

दिशाशूल: रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज पूर्व दिशा की यात्रा सायं 04-52 तक तथा इसके बाद दक्षिण दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है।

राहुकाल (मध्यममान से): 4-30 बजे से सायं 6-00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासम्भव वर्जित रखना हितकर है।

वारकृत्य कार्य: रविवार को सामान्यत: राज्याभिषेक, गाना-बजाना, नयी-सवारी का प्रयोग, राजसेवा, पशु क्रय विक्रय, हवन, यज्ञादि मन्त्रोपदेश लेना-देना, औषध व शस्त्रव्यवहार युद्ध और क्रय-विक्रय आदि कार्य करने योग्य हैं।

व्रतोत्सव
सोमवार- 26,जून: दुर्गाष्टमी, परशुरामाष्टमी (उड़ीसा), खरसी पूजा (त्रिपुरा), व अष्टानिक महापर्व प्रारम्भ (जैन)।
मंगलवार- 27, जून: भड़ल्या नवमी (स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त), गुप्त नवरात्रा समाप्त, श्री हरि जयन्ती, मेला क्षीर भवानी (काश्मीर)।
बुधवार- 28,जून: आशा दशमी व्रत, गुप्त नवरात्र व्रत पारणा व नवरात्रोत्थापन, मन्वादि, गिरिजा दशमी पूजा, उल्टारथ व पुनर्यात्रा तथा हज्ज यात्रा (मु.) आदि।
गुरुवार- 29,जून: देवशयनी एकादशी व्रत सबका (स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त) है, चातुर्मास व्रत-नियम प्रारम्भ, ईद-उल-जुहा (बकरीद) मु., रवि नारायण एकादशी (उड़ीसा), पण्ढरपुर यात्रा आदि उत्सव है।
शुक्रवार- 30,जून: हरिवासर सायं ०४-१० से रात्रि ०९-५४ तक तथा महापात रात्रि ०९-२३ से अंतरात ०३-४८ तक।
शनिवार- 01,जुलाई: शनि प्रदोष व्रत, जया पार्वती व्रत प्रारम्भ (गुजरात), राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस, डॉ. विधान चन्द्र राय जयन्ती तथा गण्डमूल प्रा. सायं ०३-०४ से।
रविवार- 02,जुलाई: चान्द्र पूर्णिमा व्रत, चौमासी चौदस (जैन), शिवशयन चतुर्दशी व उत्सव (उड़ी), मेला ज्वालामुखी दो दिन का प्रारम्भ (काश्मीर), कोकिला व्रत प्रा. तथा गंडमूल सम्पूर्ण दिवारात्रि।
वार व तारीख
सोमवार- 26,जून: विवाह अ.आ. में (व्यतिपात व भद्रा दोष), गृह-प्रवेश दोष युक्त (भद्रा दोष) उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में तथा मशीनरी प्रा., विपणि-व्यापारारम्भ, कूपारम्भ, हलप्रवहण, रामसुर प्रतिष्ठा व विवाह का (मृत्यु बाण दोष युक्त) सब हस्त नक्षत्र में।
मंगलवार- 27,जून: विवाह कात्यायनोक्त चित्रा में तथा विपणि-व्यापारारम्भ मशीनरी प्रा. प्रसूतिस्नान, जलवा, विवाह (दोष युक्त मृत्यु बाण दोष व इसके बाद परिघाद्र्ध दोष) हस्त नक्षत्र में।
बुधवार- 28,जून: विवाह अशुद्ध (केतुयुति व स्वाति में शनि वेध दोष), गृह-प्रवेश अशुद्ध (केतुयुति दोष), हलप्रवहण, नामकरण अन्नप्रशान उपनयन (अशुद्ध), चौल-मुण्डन, विपणि-व्यापारारम्भ, सभी चित्रा नक्षत्र में।
गुरुवार- 29,जून: व्यापार-व्यवसायारम्भ, मशीनरी प्रा., प्रसूतिस्नान, हलप्रवहण, नामकरण जलवा, गृह-प्रवेश (शनि वेध) व विवाह (शनि वेध) सब स्वाति नक्षत्र में।
शुक्रवार- 30,जून: चूड़ा, सगाई व रोका, हलप्रवहण, शल्य चिकित्सा विशाखा में तथा नामकरण, प्रसूति स्नान व विपणि-व्यापारारम्भ तथा कूपारम्भ सभी अनुराधा नक्षत्र में।
शनिवार- 01,जुलाई: गृह-प्रवेश, देव-प्रतिष्ठा, विपणि-व्यापारारम्भ सगाई व रोका आदि अनुराधा नक्षत्र में।
रविवार- 02,जुलाई: सगाई व रोका आदि मूल नक्षत्र में।