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जानिए यूडी टैक्स से जुड़े निर्णय लेने का अधिकार किसको है!

जिसकी वजह से धरा रह गया नगरीय विकास कर समिति का ये एजेंडा

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jaipur

जानें यूडी टैक्स से जुड़े निर्णय लेने के अधिकार किसको है!

जयपुर. यूडी टैक्स सर्वे और वसूली निजी कंपनी को देने सहित कई मामलों को लेकर बुधवार को निगम की नगरीय विकास कर समिति की बैठक हुई। बैठक में कई एजेंडे स्वीकृत करने की तैयारी थी, लेकिन एम्पावर्ड कमेटी के अस्तित्व में होने की बात सामने आने के बाद एजेंडे लंबित रखने पड़ गए। पार्षद अनिल शर्मा ने दावा किया राज्य सरकार ने एम्पावर्ड कमेटी को 30 सितम्बर तक प्रभावी बना दिया है। यूडी टैक्स से जुड़े निर्णय लेने के अधिकार एम्पावर्ड कमेटी को दे रखे हैं। इस पर समिति अध्यक्ष निर्मला शर्मा ने प्रस्ताव लंबित रख दिए।

नहीं कर पाए निर्णय
जिन धाराओं के तहत यूडी टैक्स से जुड़े निर्णय लेने के अधिकार एम्पावर्ड कमेटी को दे रखे हैं तो संचालन समिति किस आधार पर फैसला ले सकती है। इसलिए फिलहाल इन प्रस्तावों को लंबित रखा गया है।

निजी हाथ में जाने से रुका
यूडी टैक्स वसूली के लिए निजी फर्म को 5 प्रतिशत तक कमीशन दिया जाना प्रस्तावित किया गया है। मामलों पर निर्णय बोर्ड बैठक में ही होने का तर्क दिया।

धार्मिक स्थलों में दुकानों पर टैक्स!
धार्मिक स्थलों को यूडी टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है, लेकिन ज्यादातर जगह ऐसे धार्मिक स्थलों को कमर्शियल उपयोग में लिया जा रहा था। इस तरह की सभी सम्पत्तियों को टैक्स के दायरे में लिया जाएगा। ऐसे में धार्मिक स्थलों पर खुली हुई ये दुकानें अब बंद हो सकेंगी। यदि बंद नहीं करते हैं तो उन्हें इसके बदले यूडी टैक्स का भुगतान करना पडेगा।

कम टैक्स क्यों
रूपाली कृषि फार्म, माचेड़ा को पहले 1.25 करोड़ रुपए का बकाया टैक्स का नोटिस दिया गया, लेकिन बाद में केवल 80 हजार रुपए ही जमा करके सील खोल दी गई। इसकी पत्रावली में नोटशीट चिपकी हुई है, जिसकी जांच होगी। इस तरह के और भी मामले सामने आ सकते हैं। इस तरह के मामलों की निष्पक्षता के जांच होनी जरूरी है।