
- विश्व पर्यावरण दिवस पर तकनीक और परंपरा का संगम, मियावाकी से मिनी फॉरेस्ट की शुरुआत
जयपुर। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर कोटपूतली-बहरोड़ जिले में वंदे गंगा अभियान के अंतर्गत वन विभाग द्वारा पावटा क्षेत्र रेंज में एक नई शुरुआत करते हुए पावटा और विराटनगर रेंज के संयुक्त तत्वाधान में मियावाकी तकनीक से स्थानीय प्रजातियों के पौधों का सघन वृक्षारोपण कर मिनी फॉरेस्ट का निर्माण किया गया,जो आने वाले वर्षों में स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को संजीवनी देने का कार्य करेगा। जापानी वैज्ञानिक अकीरा मियावाकी द्वारा विकसित इस विशेष तकनीक की मदद से कम समय में घने व स्वाभाविक जंगल तैयार किए जा सकते हैं।
तकनीक द्वारा स्थानीय पौधों से बनेगा प्राकृतिक वन
कार्यक्रम में पीपल, बरगद, अर्जुन, गूलर, आंवला व तुलसी जैसे स्थानीय औषधीय व पर्यावरण अनुकूल पौधों को करीब-करीब एक-दूसरे के समीप रोपित किया गया जिससे 2-3 वर्षों में यह क्षेत्र स्वयं विकसित प्राकृतिक वन में बदल जाएगा। मियावाकी तकनीक से तैयार यह मिनी फॉरेस्ट न केवल ऑक्सीजन का भंडार बनेगा बल्कि स्थानीय वन्यजीवों के लिए आवास, युवाओं के लिए जागरूकता केंद्र और भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत भी रहेगा। कार्यक्रम के तहत सभी नर्सरींयों में प्लास्टिक मुक्त सफाई अभियान चलाया गया। इस अवसर पर प्रभारी मंत्री विजय सिंह चौधरी ने तुलसी और पीपल के पौधे आमजन को वितरित किए और पर्यावरण संरक्षण में भागीदारी का संदेश दिया। कार्यक्रम में जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल, विधायक हंसराज पटेल, सहायक वन संरक्षक तरुण प्रकाश यादव, क्षेत्रीय वन अधिकारी सतपाल ढिलान सहित बड़ी संख्या में अधिकारी व ग्रामीण जन उपस्थित रहे।
Published on:
06 Jun 2025 08:43 am
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