
जयपुर। राजस्थान के 111 नगरीय निकायों (नगर निगम, परिषद, पालिका) में चुनाव टालते हुए जिला कलक्टर, अतिरिक्त जिला कलक्टर, उपखंड अधिकारी को प्रशासक नियुक्त किया गया है, लेकिन दो जगह का काम होने से लोगों के पट्टे देने सहित अन्य काम प्रभावित हो गए।
हल्ला मचा तो स्वायत्त शासन विभाग को बड़े निकायों में प्रशासक के रूप में नियुक्त जिला कलक्टर व संबंधित निकाय आयुक्तों के बीच काम का बंटवारा करना पड़ा है। जमीन और भवन निर्माण से जुड़े काम की जिम्मेदारी आयुक्त की तय की गई है।
इनमें पट्टे जारी करने, भूखंड पुनर्गठन, उपविभाजन, ले आउट प्लान स्वीकृति तक के काम शामिल हैं। स्वायत्त शासन विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। इनमें बीकानेर, अलवर, भरतपुर, पाली, उदयपुर निकाय मुख्य रूप से शामिल हैं।
-पिछले वर्ष नवम्बर में 49 शहरी निकायों में प्रशासक नियुक्त किए थे। यहां निकाय के बोर्ड का कार्यकाल खत्म हो चुका। इनमें 5 नगर निगम, 18 नगर परिषद और 26 नगर पालिका हैं।
-इस वर्ष जनवरी में 62 निकायों में भी प्रशासक नियुक्त किए गए और जिम्मेदारी एसडीएम को सौंपी गई। यहां सरपंचाें को ही सभापति का चार्ज दिया हुआ था, लेकिन हाल ही उनका कार्यकाल खत्म हो गया। अभी तक एक बार भी बोर्ड नहीं बनने पर यहां प्रशासक लगाना पड़ा।
राज्य सरकार की मंशा एक राज्य-एक चुनाव की है, इसलिए स्वायत्त शासन विभाग ने विधि विभाग से राय मांगी हुई लेकिन अभी तक जवाब नहीं आया। हालांकि, विभाग सभी निकायों में वार्ड पुनर्गठन और परिसीमन करने के आदेश जारी कर चुका है।
आमजन के नियमित काम में कोई रुकावट नहीं आए, इसलिए प्रक्रिया सरल की है। वार्डों का पुनर्गठन और परिसीमन का काम जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा है।
-झाबर सिंह खर्रा, स्वायत्त शासन मंत्री
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Published on:
26 Feb 2025 09:46 am
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