मुख्यमंत्री आदर्श गांव योजना को सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में देखा जा रहा है। क्षेत्र के विधायकों ने अपने क्षेत्र के एक-एक गांव को आदर्श बनाने की घोषणा कर दी है। अब इन गांवों के लिए बजट लाकर विकास कार्य करवाना विधायकों की चुनौती बन गई है। हालांकि कई विधायकों ने इन गांवों का चयन पिछले दिनों किया है, जिला परिषद प्रशासन को अधिकृत सूचना भी दी जा चुकी है लेकिन वहां निर्माण और पेयजल जैसी समस्याओं का निस्तारण करने की कवायद अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। आदर्श गांव योजना के तहत गोद लिए गए गांवों की हालात में सुधार आने की उम्मीद बंधी है। यह उम्मीद कितने दिनों में पूरी होगी, यह भविष्य बताएगा लेकिन इतना तय है कि एमएलए कोटे का अधिकतम बजट इन गांवों के विकास और विस्तार पर खर्च होने का सपना साकार होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सांसद आदर्श गांव योजना से प्रेरित होकर मुख्यमंत्री वसुधरा राजे ने तीन माह पहले मुख्यमंत्री आदर्श गांव योजना शुरू की थी। इसके तहत प्रदेश के विधायकों को एक-एक गांव गोद ले कर विकास कार्य करवाना है।