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विधायकों ने चुने गांव, आदर्श की चुनौती 

मुख्यमंत्री आदर्श गांव योजना को सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में देखा जा रहा है। क्षेत्र के विधायकों ने अपने क्षेत्र के एक-एक गांव को आदर्श बनाने की घोषणा कर दी है। 

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Bhola Nath Shukla

May 13, 2015

मुख्यमंत्री आदर्श गांव योजना को सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में देखा जा रहा है। क्षेत्र के विधायकों ने अपने क्षेत्र के एक-एक गांव को आदर्श बनाने की घोषणा कर दी है। अब इन गांवों के लिए बजट लाकर विकास कार्य करवाना विधायकों की चुनौती बन गई है। हालांकि कई विधायकों ने इन गांवों का चयन पिछले दिनों किया है, जिला परिषद प्रशासन को अधिकृत सूचना भी दी जा चुकी है लेकिन वहां निर्माण और पेयजल जैसी समस्याओं का निस्तारण करने की कवायद अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। आदर्श गांव योजना के तहत गोद लिए गए गांवों की हालात में सुधार आने की उम्मीद बंधी है। यह उम्मीद कितने दिनों में पूरी होगी, यह भविष्य बताएगा लेकिन इतना तय है कि एमएलए कोटे का अधिकतम बजट इन गांवों के विकास और विस्तार पर खर्च होने का सपना साकार होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सांसद आदर्श गांव योजना से प्रेरित होकर मुख्यमंत्री वसुधरा राजे ने तीन माह पहले मुख्यमंत्री आदर्श गांव योजना शुरू की थी। इसके तहत प्रदेश के विधायकों को एक-एक गांव गोद ले कर विकास कार्य करवाना है।

एक करोड़ का बजट निर्धारित
इस योजना के तहत संबंधित आदर्श गांव विकसित करने के लिए गाइड लाइन निर्धारित की है। इसमें एक करोड़ रुपए पांच साल की समय अवधि में खर्च किया जा सकता है। इसके अलावा एमएलए कोटे से अपने विवेकानुसार धन राशि खर्च करने में सीमा तय नहीं की है। एमपी या अन्य सरकारी योजनाओं को भी इस गांव के विकास और विस्तार पर बजट उपलब्ध कराया जा सकता है। चयनित पंचायत खुद विधायक या उनकी पत्नी की नहीं होगी। चयन लॉटरी से किया जाएगा। हर विधानसभा में सालाना एक ग्राम पंचायत का विकास होगा। चयनित पंचायत मैदान क्षेत्र में तीन से पांच हजार तथा रेगिस्तानी क्षेत्र में एक से तीन हजार की जनसंख्या का आधार रहेगा।

आदर्श गांव
विधानसभागांव
सूरतगढ़मोकलसर
रायसिंहनगर16 पीएस
अनूपगढ़24 एसई
सादुलशहरकिल्लांवाली (खाराचक)
और पक्की गांव

आरयूबी और पेयजल सर्वोच्च प्राथकिता
राजियासर क्षेत्र मोकलसर गांव को आदर्श गांव योजना में चयनित किया है। रेलवे लाइन होने के कारण दो भागों में बंटे गांव में आवाजाही के लिए चालीस किमी का अतिरिक्त सफर करना पड़ता है। इस संबंध में आरयूबी या आरओबी निर्माण से समस्या हल हो सकती है। गांव का पेयजल संकट दूर करवाया जाएगा। राजियासर से गांव तक पहुंचने के लिए छह किमी कच्चा रास्ता है। इसे पक्की सड़क निर्माण के लिए सीएम को भी अवगत करवाया है।
राजेन्द्र भादू, विधायक सूरतगढ़

बस स्टैण्ड नहीं होने से अधिक परेशानी
क्षेत्र के 16 पीएस ग्राम पंचायत को आदर्श योजना में चयनित किया गया है। इस गांव में बस स्टैण्ड तक नहीं है। इससे बसों का ठहराव नहीं होता। एेसा नहीं होने से ग्रामीणों को अधिक परेशानी आ रही है। सड़कों का सुधार करने के लिए पहले ही दस लाख रुपए एमएलए कोटे से दिए जा चुके है। आदर्श योजना का बजट मिलने पर इस गांव में बस स्टैण्ड निर्माण, शुद्ध पेयजल, स्वास्थ्य संबंधित व्यवस्थाओं को सुधार करवाया जाएगा।
सोना बावरी, विधायक रायसिंहनगर

पानी निकासी की व्यवस्था नहीं
घड़साना क्षेत्र के गांव 24 एसई को आदर्श गांव के रूप में चयनित किया गया है। इस गांव में बरसाती पानी की निकासी नहीं होने से अधिक परेशानी आती है। पेयजल, सड़क, स्वास्थ्य आदि समस्याओं से ग्रसित इस गांव को आदर्श बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। इसके लिए कम से कम तीन-चार करोड़ रुपए का बजट खर्च किया जाएगा। इसके अलावा अन्य सरकारी योजनाओं का बजट लाने में कमी नहीं रहने दूंगी।
शिमला बावरी, विधायक अनूपगढ़

सादुलशहर क्षेत्र में दो गांवों का प्रस्ताव
सादुलशहर क्षेत्र में गांव किल्लांवाली और गांव पक्की दो गांवों को चयनित करने के संबंध में प्रस्ताव जिला परिषद प्रशासन को भिजवाया गया है। श्रीगंगानगर पंचायत समिति के 32 गांव सादुलशहर विधानसभा में आते है जबकि 12 गांव श्रीगंगानगर पंचायत समिति में है। इस कारण दो गांवों में किसी एक को चयनित करने के लिए राज्य सरकार को भी प्रस्ताव भिजवाया है। इन दोनों गांवों में सड़क और पेयजल की समस्या अधिक है।
गुरजंट बराड़, विधायक सादुलशहर