‘स्त्री देह से आगे’ विषय विवेचन कार्यक्रम में बोले गुलाब कोठारी- लड़के में भी होने चाहिए ममता के गुण
पत्रिका के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूरचंद्र कुलिश के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में 9 जून को गोवा की राजधानी पणजी में ‘स्त्री देह से आगे’ विषय विवेचन कार्यक्रम आयोजित हुआ।
पणजी। पत्रिका के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूरचंद्र कुलिश के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में 9 जून को गोवा की राजधानी पणजी में ‘स्त्री देह से आगे’ विषय विवेचन कार्यक्रम आयोजित हुआ। मुष्टिफंड संस्थान की ओर से कुजेरिया स्कूल कॉम्प्लेक्स में कार्यक्रम सुबह 10.30 बजे से शुरू हुआ। जिसमें पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने कहा कि एक लड़की को बचपन से परिवार की सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना सिखाया जाता है। लड़के में भी ममता, दया के साथ संवेदना आदि के गुण होने चाहिए।
देखें: स्त्री देह से आगे’ विषय विवेचन कार्यक्रम लाइव ‘स्त्री देह से आगे’ विषय विवेचन कार्यक्रम में पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने कहा कि आज के लड़कों में करुणा व संवेदनशीलता नहीं है, वह आक्रामक हैं। जबकि एक लड़की को बचपन से परिवार की सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना सिखाया जाता है। लड़के में भी ममता, दया के साथ संवेदना आदि के गुण होने चाहिए। यह मां को समझाना चाहिए। यह नहीं बताने से हमारा समाज संतुलित नहीं है।
गुलाब कोठारी ने कहा कि हर पुरुष के अंदर स्त्री और स्त्री के अंदर पुरुष है। आज के बच्चों में आधा हिस्सा शून्य है, इसलिए माता-पिता को लड़के-लड़कियों में अर्द्धनारीश्वर का भाव जगाना होगा। पुरुष के जीवन की डोर स्त्री के हाथ में है। पुरुष आपकी रक्षा कर सकता है। इसके अतिरिक्त सभी चीेजें स्त्री ही चलाती है। पुरुष को पुरुषार्थ के अंत में मोक्ष दिलाना भी स्त्री के हाथ में है। दया श्रद्धा, स्नेह, प्रेम इनके आधार पर स्त्री पुरुष को अंतिम पड़ाव पर ले जाती है। शिक्षा पर चर्चा करते हुए गुलाब कोठारी ने कहा कि पढाई के कारण हमारी संवदेना घटती चली गई। जिदंगी की ताकत संवेदना है। दूसरा मन और आत्मा का नुकसान हुआ। कार्यक्रम में नॉर्थ गोवा की प्रबुद्ध महिलाएं मौजूद रहीं।
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