
Election Commission : देश में 18वीं लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। चुनाव आयोग ने शनिवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लोकसभा चुनाव 2024 की डेट का ऐलान किया। चुनाव आयोग की घोषणा के अनुसार, राजस्थान की 25 लोकसभा सीट के लिए 2 चरणों में मतदान होंगे। जहां पहला चरण 19 अप्रैल को और दूसरा चरण 26 अप्रैल को निर्धारित है। पहले चरण यानी 19 अप्रैल को 12 सीटों पर यानी श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनूं, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा, नागौर के लिए मतदान होने हैं तो वहीं 26 अप्रैल को 13 सीटों टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा, झालावाड़-बारां पर मतदान होंगे। राजस्थान की 25 लोकसभा सीट की मतगणना व रिजल्ट 4 जून को घोषित की जाएगी।
चुनाव आयोग के लोकसभा चुनाव का शेड्यूल जारी करने के साथ ही राजस्थान सहित पूरे देश में आचार संहिता लागू हो गई है। इस दौरान कई पाबंदियां लग जाएंगी। आचार संहिता लगने के बाद क्या कुछ बदलेगा, आइए आपको बताते हैं।
Model Code Of Conduct : सबसे पहले जान लें कि आचार संहिता है क्या? दरअसल, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए चुनाव आयोग कुछ सख्त नियम तैयार करते हैं, इन नियमों को आचार संहिता के नाम से जाना जाता है। देश में लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा का, इन आचार संहिता की पालना हर राजनीतिक पार्टियों, नेताओं और सरकारों द्वारा किया जाता है।
- अगर कोई पार्टी, नेता या सरकार आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन करता है तो 1860 का भारतीय दंड संहिता, 1973 का आपराधिक प्रक्रिया संहिता और 1951 का लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम लागू किया जा सकता है।
- चुनाव आयोग 1968 के चुनाव चिह्न आदेश के पैराग्राफ 16ए के तहत किसी पार्टी की मान्यता को निलंबित कर सकती है।
- यदि कोई एमसीसी नियमों का उल्लंघन करता है, तो आमतौर पर उसे सजा नहीं होती लेकिन कुछ मामलों को छोड़कर जिसमें एमसीसी का उल्लंघन 'भारतीय दंड संहिता और लोक प्रतिनिधित्व' कानून, 1951 के तहत एक अपराध है। ऐसे मामलों को अंजाम देने वाले व्यक्ति को कारावास हो सकती है।
16 मार्च से आचार संहिता लागू हो रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान न सिर्फ राजस्थान बल्कि पूरे देश में आचार संहिता लागू होती है। लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम आने तक यह लागू रहेगी। इस दौरान बहुत सारी शक्तियां चुनाव आयोग के हाथों में चली जाती हैं।
- कोई भी पार्टी सरकारी पैसे का इस्तेमाल किसी राजनीतिक दल या व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं कर सकती।
- चुनाव प्रचार के दौरान सरकारी गाड़ी, बंगले, विमान या फिर सरकारी सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
- आचार संहिता लागू होने पर कोई भी सरकारी घोषणा, शिलान्यास या लोकार्पण नहीं किया जा सकता।
- कोई भी रैली या जनसभा करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी जरूरी होती है।
- रैली में धर्म, जाति के आधार पर वोट मांगना पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
- इस दौरान चुनाव से जुड़े किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। अगर जरूरी हो तो चुनाव आयोग से अनुमति लेनी अनिवार्य है।
- मीडिया में सरकारी खर्चों से विज्ञापन देने पर रोक लगाई जाती है।
- रात के 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक है।
- राजनेता किसी भी जाति, धर्म के लोगों के प्रति घृणा बढ़ाने वाली गतिविधि नहीं कर सकतें।
- धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए करने पर रोक होती है।
- किसी व्यक्ति की भूमि पर झंडा लगाने, या कोई भी गतिविधि करने से पहले उसकी अनुमति लेनी जरूरी होती है।
- मतदान के दौरान मतदाता को छोड़कर कोई अतिरिक्त व्यक्ति बूथ में प्रवेश नहीं कर सकता।
आचार संहिता के मुताबिक, मतदान होने से तकरीबन 48 घंटे पहले पार्टियों द्वारा प्रचार-प्रसार बंद कर दिया जाता है।
Published on:
16 Mar 2024 05:30 pm
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