
कांग्रेस ने टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बना दिया है। इससे साफ हो गया कि गोविंद सिंह डोटासरा अभी पीसीसी अध्यक्ष पद से नहीं हटाए जाएंगे। ऐसे में भाजपा भी सीपी जोशी को प्रदेशाध्यक्ष पद से फिलहाल नहीं हटाएगी। चर्चा है कि लोकसभा चुनाव तक जोशी के हाथ में ही प्रदेशाध्यक्ष की कमान होगी। उन्हें चित्तौड़गढ़ से फिर लोकसभा चनाव लड़ाने की पूरी संभावना है।
दरअसल, भजन लाल शर्मा को सीएम बनाने के बाद जोशी की जगह की जगह किसी अन्य जाति के व्यक्ति को प्रदेशाध्यक्ष बनाने की चर्चा थी। भजनलाल और सीपी जोशी जाति से ब्राह्मण हैं। ऐसे में दो शीर्षस्थ पदों पर पार्टी ने एक ही जाति के लोगों को बैठाने से जातिगत समीकरण गड़बड़ा रहा था। इस वजह से चर्चा चली कि किसी जाट समाज के व्यक्ति को यह पद दिया जाए। केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को यह पद दिए जाने की संभावना थी, लेकिन पार्टी सूत्रों की मानें तो चौधरी ने लोकसभा चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की थी। इस वजह से प्रदेशाध्यक्ष नहीं बदला गया।
परफोरमेंस अच्छी, भाजपा की सरकार बनी
जोशी को नहीं हटाने की वजह से उनकी परफोरमेंस को भी माना जा रहा है। अंदरूनी खींचतान के बावजूद उनके नेतृत्व में राजस्थान में भाजपा को 115 सीटों पर जीत मिली और यहां सरकार बनी। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव भी पार्टी राजस्थान में जोशी के ही नेतृत्व में ही लड़ने की तैयारी है। चुनाव के बाद उन्हें हीं और एडजस्ट किया जाएगा।
नया अध्यक्ष लाए तो करनी पड़ेगी मशक्कत
लोकसभा चुनाव सिर पर हैं। मई में चुनाव होने हैं, ऐसे में नया प्रदेशाध्यक्ष लाते हैं तो संगठन को समझने में उसे वक्त लगेगा। पार्टी इस बार काई रिस्क नहीं लेना चाहती। राजस्थान में 25 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा गया है। जोशी को नहीं हटाने की एक वजह यह भी है।
Published on:
17 Jan 2024 10:10 am
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