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मुख्यमंत्री पुत्र वैभव को क्यों दिया कांग्रेस ने टिकट, पायलट ने खोला राज, बताया यह बड़ा कारण

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मुख्यमंत्री पुत्र वैभव को क्यों दिया कांग्रेस ने टिकट, पायलट ने खोला राज, बताया यह बड़ा कारण

सुनील सिंह सिसोदिया / जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को जोधपुर से चुनाव मैदान में उतारे जाने को लेकर कहा कि वे पांच साल से पार्टी महासचिव है। कई वर्षों से पार्टी में काम कर रहे हैं। उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि वैभव धौलपुर जिले के प्रभारी रहे हैं, तो कोई यह नहीं कह सकता कि पार्टी में सक्रिय नहीं हैं, या फिर काम नहीं कर रहे। मुख्यमंत्री के पुत्र जरूर हैं, लेकिन पार्टी में सक्रिय हैं। कांग्रेस पार्टी ने टिकटों का अच्छा वितरण किया है।

दे रहे जीत का मंत्र
कांग्रेस पार्टी की ओर से जयपुर में लोकसभा क्षेत्रों के लिए आयोजित दो दिवसीय पाठशाला को लेकर पायलट ने कहा कि सभी को चुनाव प्रशिक्षण के साथ जीत का मंत्र दे रहे हैं। हमारे पास जीत का मंत्र है, जिससे सौ फीसदी जीतेंगे। इसीलिए यह मंत्री हम अपने लोगों को दे रहे हैं।

चुनाव लडऩे का ये बताया कारण
कांग्रेस पार्टी के लोकसभा चुनाव लडऩे के सवाल पर कहा कि सरकार 2019 में किसकी बनेगी, यह तो समय बताएगा। लेकिन कांग्रेस चुनाव इसलिए लड़ रही है कि जो उसने देश में 70 साल के इतिहास में लोकतंत्र और संस्थान खड़े किए थे। उनके लिए भाजपा सरकार खतरा बनी हुई है। सीबीआई, आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय का दुरुपयोग कर इनके लिए खतरा बनी हुई है। देश में चारों और भय का माहौल है। भाजपा के खिलाफ बोलने वाले पर दबाव आ जाता है। ऐसे में लोकतंत्र और संस्थानों को सलामत रखना जरूरी है।


नहीं देखा वीडियो...
जयपुर की लोकसभा उम्मीदवार ज्योति खण्डेलवाल के चुनाव खर्च और टेण्डर में मदद को लेकर एक वीडियो वायरल होने के सवाल पर पायलट ने कहा कि यह उनकी जानकारी में आया है, लेकिन देखा नहीं। ऐसे में देखने के बाद ही कुछ बोल सकते हैं।

भाजपा और मोदी बदलने में ही लगे चुनाव का ही उद्देश्य...
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तो चुनाव का उद्देश्य ही बदलने में लगे हैं। मूल मुद्दों के बजाय धार्मिक व भावनात्मक मुद्दों को ला रहे हैं। जो चुनावी मुद्दे- रोजी-रोटी के होने चाहिए। वे उनके भाषणों में नजर नहीं आ रहे। मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि गरीबों के पैर धोने से नहीं, वोट तो गरीब के पेट में रोटी पहुंचाने से ही मिलेंगे। हिम्मत है तो वे अपनी पांच साल की परफोरमेंस पर बात करें।