
Rajasthan Election 2023:
Civil Lines Assembly Constituency: सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र..... जैसा नाम वैसा ही विकास, लेकिन हालात वैसे नहीं है जैसे दिखाई देते हैं। क्षेत्र, विकास की उंचाईयों को जरूर छू रहा है लेकिन धरातल पर हालात सही नहीं है। जनता आज भी परेशान है। सिविल लाइंस को जयपुर ही नहीं राजस्थान का सबसे महंगा विधानसभा क्षेत्र कहा जो तो गलत नहीं होगा, सिविल लाइंस में जमीनों के भाव आज भी प्रदेश में किसी भी इलाके में स्थित जमीनों के भाव से कई गुना ज्यादा हैं। विकास भी हो रहा है लेकिन फिर भी हालात चिंता जनक बने हुए हैं। वर्तमान में यहां से कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास विधायक हैं।
दो बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी के हाथ आई सीट
सिविल लाइंस विधानसभा सीट पर तीन बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। इनमें दो बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी ने जीत दर्ज की है। यहां 2008 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से प्रताप सिंह खाचरियावास विधायक बने। फिर उसके बाद 2013 विधानसभा चुनाव बीजेपी के अरुण चतुर्वेदी विधायक पद पर जीत हासिल कर बीजेपी सरकार में मंत्री भी बने। इसके बाद 2018 विधानसभा में फिर से कांग्रेस से प्रताप सिंह खाचरियावास ने चुनाव जीतकर वर्तमान सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल कर रखा है। इस बार अभी तक भाजपा ने यहां पर सीट डिक्लेयर नहीं की है।
क्षेत्र में ये पांच बड़ी समस्याएं... इलाके से विधायक खुद मंत्री लेकिन फिर भी समाधान नहीं
1. शहर के लगभग बीच में आने वाले सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र में ट्रैफिक सबसे बड़ी समस्या है। इसे काबू करने के लिए ओवरब्रिज का जाल बिछाया गया है लेकिन जाम के हालात वही हैं।
2. ट्रैफिक के इलावा क्षेत्र की कई कॉलोनियों में नशा बड़ी समस्या है। चरस और स्मैक देर रात तक बिकते हैं, जो युवाओं की नसों में जहर घोल रहे हैं। शराब की दुकानें भी देर रात तक शराब बेचती हैं।
3. तीसरा मुद्दा सफाई है, हालात ये हैं कि न तो कचरा समय पर उठता है और ना ही निगम आवारा पशुओं और जानवरों को काबू कर पाया है।
4. शाम होते ही बड़े बाजारों में दुकानों के बाहर ठेले लगते हैं, जिनसे ट्रैफिक जाम तो होता ही है, साथ ही स्थानीय दुकानदारों से भी विवाद जारी रहता है। कई इलाकों में पानी का लो प्रेशर और सीवरेज भी बड़ी समस्या है।
सिविल लाइंस विधानभा क्षेत्र, वोटर और इलाका
इस इलाके में करीब 55 हजार ब्राह्मण, 25 हजार वैश्य, 10 हजार राजपूतए, 20 हजार माली, 25 हजार अनुसूचित जाति जनजाति, 25 हजार मुस्लिम सहित अन्य वर्गों के मतदाता हैं। भाजपा ने अभी तक यहां टिकट नहीं दिया है जबकि कांग्रेस ने प्रताप सिंह खाचरियावास को रिपीट कर दिया है। चर्चा है कि यहां से इस बार दस से ज्यादा निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में आने की तैयारी में हैं। इस सीट के एक छोर पर स्टेच्यू सर्कल है तो दूसरा छोर शास्त्री नगर तक भी जाता है। शास्त्री नगर के कुछ हिस्से सहित हसनपुरा आदि इलाके मुस्लिम बाहुल्य हैं, वहीं शास्त्री नगर के ही कई इलाके, सिविल लाइंस, सी स्कीम, न्यू सांगानेर रोड और अन्य इलाकों में हिंदू मतदाता अच्छी संख्या में हैं।
Published on:
28 Oct 2023 02:23 pm
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