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खींवसर में सियासी महासंग्राम जारी : बेनीवाल बोले, कुएं में डूब कर मर जाओ, दिव्या ने पूछा, क्या मुझे मर जाना चाहिए…?

Rajasthan by-elections: चुनावी एजेंडा भूल, फिर भिड़े हनुमान बेनीवाल और दिव्या मदेरणा। राजस्थान विधानसभा उपचुनाव 2024: जमकर हो रही व्यक्तिगत और विवादित टीका-टिप्पणी

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Nov 07, 2024

‘Even after dancing, Ashok Gehlot did not help’, Hanuman Beniwal hits back at Divya Maderna’s statements

नागौर/ जयपुर। राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव की हलचलों के बीच नागौर जिले की खींवसर सीट पर सियासी पारा ज़बरदस्त गर्माया हुआ है। दिलचस्प बात ये है कि यहां प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों से ज़्यादा सुर्खियां "स्टार प्रचारक" बटोर रहे हैं। इनमें राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल और कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेत्री दिव्या मदेरणा के नाम सबसे ज़्यादा चर्चा में हैं। दरअसल, हर चुनावी माहौल के बीच इस बार भी बेनीवाल और मदेरणा के बीच बयानों के सियासी तीरों से हमले हो रहे हैं।

…कुएं में डूबकर मर जाओ: बेनीवाल

हनुमान बेनीवाल और दिव्या मदेरणा एक-दूसरे पर अब व्यक्तिगत छींटाकशी पर उतर आए हैं। एक ताज़ा चुनावी सभा में तो बेनीवाल ने दिव्या की टिप्पणियों का जि़क्र करते हुए यहां तक कह दिया कि "उसे तो डूब के मर जाना चाहिए"। इसी सभा में बेनीवाल ने मदेरणा परिवार में दिव्या के दादा परसराम मदेरणा और पिता महिपाल मदेरणा का नाम लिए बिना भी बहुत कुछ टिप्पणियां कीं।

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… क्या मुझे मर जाना चाहिए ?: दिव्या

हनुमान बेनीवाल की विवादित टिप्पणी का एक वीडियो शेयर करते हुए दिव्या मदेरणा ने इस बार "वर्चुअल" पलटवार किया। उन्होंने अपने "एक्स" हैंडल पर प्रतिक्रिया जारी करते हुए लिखा, "सार्वजनिक सभा में मेरे ही समाज के चुने हुए एक सांसद मेरे मरने की कामना कर रहे है। उन्हें बेहद अफ़सोस हो रहा है कि मैं जिंदा ही कैसे हूं। मैं भी समाज की बेटी हूं, बहन बेटी सबकी सांझी होती है, इसलिए संपूर्ण किसान वर्ग से पूछना चाहती हूं कि मैंने ऐसा क्या गुनाह किया कि मुझे कुएं में गिरकर मर जाना चाहिए ?

दिव्या ने आगे लिखा, "मैंने पूरी ईमानदारी व श्रद्धा से ओसियां व राजस्थान के किसान वर्ग की हमेशा आवाज़ बुलंद की, क्या यही मेरा गुनाह है? विकट पारिवारिक परिस्थिति में भी मैंने हार नहीं मानी, मैं घर नहीं बैठी, मैंने मेहनत की और जनता से संवाद व जुड़ाव रखा और कारवां बनता चला गया। मैंने संघर्ष किया और यह संदेश देने की कोशिश कि किसान वर्ग की बेटियां भी बखूबी राजनीतिक लड़ाइयां लड़ सकती है । मैं राजस्थान के हर किसान से पूछना चाहती हूं कि क्या मुझे मर जाना चाहिए?

प्रचार के समय को लेकर भिड़े

हनुमान बेनीवाल और दिव्या मदेरणा के बीच "हॉट टॉक" फिलहाल प्रचार के समय को लेकर चल रही है। विवाद की शुरुआत हाल ही में तब हुई जब दिव्या मदेरणा ने हनुमान बेनीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि खींवसर क्षेत्र में बेनीवाल की स्थिति नाज़ुक लग रही है। यही वजह है कि बेनीवाल सुबह चार-चार बजे तक प्रचार में लगकर वोटर्स के पैर पकड़ रहे हैं।

इस पर बेनीवाल ने भी पलटवार करते हुए कहा था कि खींवसर क्षेत्र मेरा है और चुनाव के वक्त मैं चाहे चार बजे वोट मांगूं या पांच बजे, तुम होती कौन हो?

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