
महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल भी निजी स्कूलों की राह पर चल रहे हैं। राज्य के कुछ अंग्रेजी माध्यम स्कूलों ने अपनी अलग-अलग ड्रेस निर्धारित की है। इन स्कूलों के बच्चे नई ड्रेस खरीदने को मजबूर हैं। हैरानी की बात है कि शिक्षा विभाग ने राज्य में आठ महीने पहले ही स्कूली बच्चों के लिए समान ड्रेस कोड निर्धारित कर दी। इतना ही नहीं, कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को सरकार इस सत्र से मुफ्त ड्रेस देने जा रही है।
ड्रेस वितरण की धीमी प्रक्रिया का फायदा उठा कुछ सरकारी महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल अभिभावकों की जेब काट रहे हैं। कुछ महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों ने ड्रेस कोड लागू कर एक दुकान तय कर दी है। स्कूल के बच्चे उस दुकान से ड्रेस खरीदने को मजबूर हैं। ऐसे में एक बच्चे पर 300 से 500 रुपए का अतिरिक्त खर्चा आ रहा है।
जयपुर के मानसरोवर, फागी, जमवारामगढ़, सांभरलेक सहित कई जिलों के महात्मा गांधी स्कूलों में बच्चों के लिए अलग ड्रेस कोड लागू किया है।
अंग्रेजी माध्यम स्कूलोें के लिए अलग ड्रेस नहीं थी। हमने एसडीएमसी में प्रस्ताव लेकर अलग यूनिफॉर्म निर्धारित कर ली। अब सरकार ने अलग लागू कर दी। हम ड्रेस के लिए विभाग से मार्गदर्शन मांग रहे हैं।
-टीकम चंद मालाकार, प्रिंसिपल, सांभरलेक स्कूल
विद्यालय विकास एवं प्रबंध समिति की ओर से स्कूल ड्रेस लागू करने का निर्णय किया था। सरकार ने अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की कॉमन ड्रेस निर्धारित नहीं की थी। इसीलिए स्कूल स्तर पर निर्णय ले लिया था।
-अनु चौधरी, प्रिंसिपल, महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल, मानसरोवर
छात्र हल्की नीली शर्ट-गहरे भूरे या धूसर रंग की पेंट पहनेंगे।
छात्राएं हल्की नीले रंग की शर्ट या कुर्ते के साथ गहरे भूरे या धूसर रंग स्कर्ट या सलवार के साथ इसी रंग के दुपट्टे में नजर आएंगी।
सर्दियों में ड्रेस के साथ गहरे भूरे या धूसर रंग का ब्लेजर या स्वेटर पहन सकेंगे।
मुफ्त ड्रेस वितरण में अभी समय
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठ तक के 70 लाख बच्चों को नए सत्र में नि:शुल्क ड्रेस दी जानी है। सरकार ड्रेस का कपड़ा उपलब्ध कराएगी। ड्रेस सिलवाने की जिम्मेदारी स्कूल की रहेगी। बच्चोें को दो ड्रेस मिलेगी। इसके लिए अनुमानित बजट 600 रुपए निर्धारित किया है। इसमें 425 रुपए का कपड़ा होगा। इसके अलावा 175 रुपए सिलाई के होंगे।
यह है सरकार की निर्धारित ड्रेस
यह है नियम
जयपुर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक राजेन्द्र शर्मा हंस का कहना है कि स्कूल में विद्यालय विकास एवं प्रबंध समिति विकास से संबंधित निर्णय ले सकती है। लेकिन बच्चों की स्कूल ड्रेस और पाठ्यपुस्तक का निर्णय विभाग स्तर पर ही लिया जाता है। समिति अलग से बच्चों की ड्रेस निर्धारित नहीं कर सकती।
समान ड्रेस कोड है
अंग्रेजी माध्यम स्कूल अपने स्तर पर अलग ड्रेस निर्धारित नहीं कर सकते। सरकार ने सभी बच्चों के लिए समान ड्रेस कोड निर्धारित कर रखा है। अगर स्कूल अपने स्तर पर ड्रेस कोड लागू कर रहे हैं तो उनके लिए आदेश जारी किए जाएंगे।
सुभाष यादव, सीडीईओ और नोडल अधिकारी महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूल
Published on:
01 Aug 2022 08:37 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
