
फोटो: पत्रिका
राजस्थान में बेरोजगार युवाओं को राहत देने के लिए चलाई जा रही मुख्यमंत्री युवा संबल योजना में कई अनियमितताएं सामने आई हैं। यह खुलासा TOI की रिपोर्ट के अनुसार महालेखाकार द्वारा की गई ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है।
योजना की शुरुआत जून 2019 में हुई थी और अब तक इसमें 3210 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं लेकिन रिपोर्ट बताती है कि यह पैसा अयोग्य और गलत लाभार्थियों तक भी पहुंच गया है।
ऑडिट में पाया गया कि योजना के 41% लाभार्थी 21 से 25 वर्ष के हैं जबकि इस उम्र के युवाओं को अभी हायर एजुकेशन में होना चाहिए। इस पर सवाल उठाते हुए रिपोर्ट ने कहा कि बिना उचित जांच के इस उम्र के लोगों को बेरोजगारी भत्ता देना गलत है।
कई लाभार्थियों को बिना जरूरी प्रमाणपत्र अपलोड किए ही पैसा दे दिया गया।
कई जगह गलत शैक्षणिक योग्यता दर्ज की गई।
कुछ प्रोफेशनल डिग्री धारकों को भी भत्ता मिला जो स्कीम के नियमों के खिलाफ है।
कुछ लाभार्थियों को 2 साल की पूरी अवधि तक भत्ता नहीं मिला।
कुल खर्च का 53% पैसा सिर्फ 7 जिलों में खर्च हुआ।
19 जिलों में 42% और बाकी 7 जिलों में केवल 5% राशि खर्च की गई।
योजना की प्रचार-प्रसार भी ठीक से नहीं किया गया जिससे कई जरूरतमंद युवा इससे वंचित रह गए।
योजना के तहत हर साल 1 अप्रैल से 30 जून तक ही आवेदन लेना तय था लेकिन आवेदन पूरे साल लिए गए जिससे फर्जी और अपात्र लोगों को भी फायदा मिला। कुछ मामलों में लाभ रोकने का कारण भी विभागीय पोर्टल पर मौजूद नहीं था।
लड़कियों, ट्रांसजेंडर और विशेष योग्यजन को 4500 रुपए प्रतिमाह
लड़कों को 4000 रुपए प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है।
वर्तमान में करीब 1.9 लाख युवा हर महीने इस योजना का लाभ ले रहे हैं।
Published on:
24 Sept 2025 03:42 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
