
बागेश्वर में अवैध खनन पाए जाने पर करवाई 2 माइंस सीज
केन्द्र सरकार ने माइंस एवं मिनरल्स (डवलपमेंट एवं रेगुलेशन) एक्ट, 1957 में नए आदेश जारी किए हैं। मेजर मिनरल्स माइनिंग के पूर्व नियमों के तहत क्षेत्र आरक्षित कर आवंटित ऐसे खनन पट्टों में जहां अभी तक खनन कार्य आरंभ नहीं हुआ है या गत दो साल से खनन कार्य बंद है उन खनन पट्टों को स्वतः निरस्त करते हुए राज्य सरकार नीलामी कर सकेगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि अब राज्य सरकार की कंपनियों या उपक्रमोें के लिए आरक्षित ऐसे माइनिंग क्षेत्र जहां विगत दो साल से लगातार माइनिंग हो रही है उन खनन क्षेत्रों में एक साल की अवधि के लिए खनन जारी रखने की अनुमति होगी। ऐसे उपक्रमाें को एक साल की अवधि में खनन लीज जारी करानी होगी।
इसी तरह से राज्य सरकार की कंपनियों या उपक्रमों के लिए आरक्षित माइनिंग क्षेत्र में जहां अस्थाई खनन कार्यानुमति जारी कर रखी है और जहां उत्पादन शुरू हो गया है और इस आदेश के जारी होने की तारीख से तुरंत पहले दो साल की अवधि के लिए खनन कार्य बंद नहीं किया गया है, उन खानों के लिए राज्य सरकार एक साल की रियायती अवधि के लिए खनन अनुमति देगी। उन्होंने बताया कि ऐसे अनुमतिधारकोें को एक साल की अवधि में खनन लीज प्राप्त करना जरुरी होगा। उन्होंने बताया कि आदेशों में जारी यह नए प्रावधान एटोमिक एवं हाइड्रोकार्बन एनर्जी मिनरल्स पर लागू नहीं होंगे। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि अनावश्यक रुप से बंद पड़ी खानों व खनिज संपदा की नीलामी कर खनन कार्य शुरु कराने से रोजगार व आय के साधन बढेंगे। अग्रवाल ने सचिवालय में इस बारे में एक बैठक भी ली थी।
Published on:
02 May 2023 06:40 pm
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