शास्त्रों के अनुसार दान-पुण्य का महत्व उदियात (जिस तिथि में सूर्य उदय हो) में माना जाता है। एेसे में दान-पुण्य मंगलवार को करना श्रेष्ठ रहेगा। वैसे इस दिन सूर्योदय यानी सुबह 7.21 बजे से ही सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग भी रहेगा, जो दोपहर 1.53 बजे तक रहेगा। इसके बाद दोपहर 1.53 से रवि योग शुरू हो जाएगा, जो अगले दिन बुधवार तक रहेगा। एेसे में मंगलवार को दान-पुण्य का महत्व विशेष फलदायक रहेगा। सम्राट पंचांग के निर्माता ज्योतिषाचार्य चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि सूर्य का मकर राशि में प्रवेश सोमवार को सूर्यास्त के बाद होने से मकर संक्रांति का दान-पुण्य दूसरे दिन मंगलवार को किया जाएगा। मकर संक्रांति सिंह पर सवार होकर वैश्य के घर में प्रवेश कर रही है। संक्रांति का वाहन सिंह व उपवाहन हाथी है। वारनाम व नक्षत्रनाम ध्वांक्षी होने से आने वाला महीना उद्योगपतियों व व्यवसायिक लोगों को शुभ फलदायक होगा। देवजाति की यह संक्रांति शरीर पर कस्तूरी का लेप लगाकर सफेद रंग के वस्त्र व पुन्नाग पुष्प की माला धारण कर हाथ में भुशुंडी नामक शस्त्र लेकर सोने के बर्तन में चावल का भोजन करती हुई एवं बैठी हुई, बालक के रूप में रात्रि के प्रथम याम में प्रवेश कर रही है।