
जयपुर. Mali Mahasangam 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले अधिक आबादी वाले समाजों की ओर से ताकत दिखाने की कोशिश जारी है। बीते एक दर्जन से अधिक समाज की महासभाओं के बाद रविवार को विदयाधरनगर स्टेडियम में माली महासंगम आयोजित हुआ। पारंपरिक परिधानों और गुलाबी झंडें थामे लोगों का जोश पूरी तरह से देखने लायक रहा। जयपुर समेत पूरे राजस्थान समेत मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में माली समाज के महिला, पुरुष और युवाओं का पहुंचने का सिलसिला सुबह आठ बजे से शुरू हो गया। पांच हजार से अधिक वाहनों से लोग कार्यक्रम में पहुंचें।
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 11 बजे महात्मा ज्योतिबा राव फूले को माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलन से हुई। इस बीच विदयाधरनगर के रास्ते पर 11 स्वागत द्वार बनाए गए। भीषण गर्मी में समाजजनों का उत्साह देखते ही नजर आया। मंगल गान गाते हुए महिलाएं यहां नजर आई। महासंगम के मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला रहे। डेढ लाख खाने के पैकेट तैयार करवाने के साथ ही विशेष टैंट की व्यवस्था की गई। दोपहर तक स्टेडियम भरा हुआ नजर आया।
यह रहे मंच पर मौजूद
Mali Mahasangam 2023: प्रवक्ता राहुल तंवर ने बताया कि माली महासंगम के मंच पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा के राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, भाजपा विधायक कालीचरण सराफ, अशोक लाहोटी, पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी, भाजपा से निष्कासित विधायक शोभारानी कुशवाहा, कांग्रेस के पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी, वैभव गहलोत, राजस्थान माली महासभा के प्रदेश अध्यक्ष छुटटन लाल सैनी, अक्षय उंचवाल, अनुभव चंदेल, भूपेंद्र सैनी, भवानीशंकर माली, रोशन सैनी, राजरतन राजोरिया सहित अन्य समाजजन मौजूद रहे। दूसरे जिलों से आए समाजजनों ने कहा कि इस तरह से राजनीति सामाजिक कार्यक्रम में गलत है।
यह रखी मुख्य मांगें
— सैनी, माली, कुशवाहा, शाक्य, मौर्य, मौर्या, सुमन, वनमाली, भोई माली समाज को उनके अति आर्थिक, सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर 12 प्रतिशत आरक्षण देने
— प्रदेश में भाजपा व कांग्रेस दोनों पार्टियों से 20-20 टिकट की मांग व समाज को उचित प्रतिनिधि प्रतिनिधित्व देने
— महात्मा ज्योतिबा फूले और सावित्री बाई फूले को भारत रत्न से सम्मानित करने
— नए संसद भवन में पहले की तरह महात्मा ज्योतिबाराव फूले की मूर्ति स्थापित करने
— पांच सितंबर को शिक्षक दिवस को माता सावित्री बाई फूले के नाम से शिक्षक दिवस मनाने
— महात्मा ज्योतिबा सावित्री बाई फुले के संघर्षमयी इतिहास को पाठ्यक्रम में पढ़ाने
— लोकसभा चुनाव में प्रदेश की किसी भी एक लोकसभा सीट पर उम्मीदवार बनाने
— महात्मा ज्योतिबाराव फूले बोर्ड की तरह कुशवाहा समाज लवकुश बोर्ड का गठन करने
— देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में महात्मा ज्योतिबाराव फूले दंपती के नाम से शोधपीठ का गठन करने
— सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों में दर्ज मुकदमे वापस लेने
— केन्द्र सरकार की ओर से बनाए गए रोहिणी कमीशन की रिपोर्ट सार्वजनिक करने
- सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों में दर्ज मुकदमे जो समाज के लोगों पर गैर कानूनी रूप से दर्ज किए गए हैं उन्हें वापस लिया जाए।
Published on:
04 Jun 2023 07:37 pm
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