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कांग्रेस अध्यक्ष का चुनावः कर्नाटक में 9 बार विधायक रहे मल्लिकार्जुन खरगे, राजस्थान से भी रहा कनेक्शन

1972 में पहली बार विधायक चुने गए, दो बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा सांसद भी रहे, यूपीए 2 में मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी रहे

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जयपुर। 24 साल के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे गांधी परिवार के बाहर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए हैं। वर्तमान में मल्लिकार्जुन खरगे राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं। हालांकि एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत के चलते उन्हें अब राज्यसभा में विपक्ष के नेता का पद छोड़ना पड़ेगा। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने मल्लिकार्जुन खरगे को 50 साल से भी ज्यादा राजनीतिक अनुभव है। 1972 में विधानसभा चुनाव जीतने वाले मल्लिकार्जुन खरगे ने फिर कभी भी राजनीति में पीछे मुड़कर नहीं देखा।

9 बार विधायक रहे
मलिकार्जुन खरगे का जन्म 21 जुलाई 1942 को कर्नाटक के बीदर जिले में हुआ था। कानून में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद मल्लिका अर्जुन खरगे ने राजनीति में कदम रखा और 1972 में गुरमीत कल निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता। उन्होंने साल 1978, 1983, 1985 1989, 1994, 1999, 2004, 2008 और 2009 के विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल की।

यूपीए-2 में बने केंद्रीय मंत्री
मलिकार्जुन खरगे यूपीए-2 के शासनकाल में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीते और केंद्र सरकार में श्रम और रोजगार मंत्री बने। इसके बाद उन्होंने जून 2013 से मई 2014 तक रेल मंत्रालय का प्रभार संभाला। 2014 में प्रचंड मोदी लहर में भी मल्लिकार्जुन खरगे ने लोकसभा का चुनाव जीता और लोकसभा में पार्टी के नेता रहे। उसके बाद मल्लिकार्जुन खरगे राज्यसभा के लिए चुने गए और गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल पूरा होने के बाद राजस्थान में विपक्ष के नेता हैं।

राजस्थान से भी रहा कनेक्शन
मल्लिका अर्जुन खरगे का राजस्थान से भी कनेक्शन रहा है। हाल ही में बीते खरगे 25 सितंबर को खरगे प्रदेश प्रभारी अजय माकन के साथ कांग्रेस विधायक दल की बैठक लेने आए थे। हालांकि गहलोत गुट के विधायकों की ओर से बैठक का बहिष्कार किए जाने के बाद पार्टी में घमासान मच गया था।

मल्लिका अर्जुन खरगे ने अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को भी सौंपी थी। इससे पहले भी मल्लिका अर्जुन मई माह में उदयपुर में हुए कांग्रेस के नव संकल्प शिविर में भी शिरकत करने आए थे। मल्लिका अर्जुन खरगे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित कई अन्य नेताओं से भी मधुर संबंध रहे हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी लगातार मल्लिकार्जुन खरगे के पक्ष में ही मतदान की अपील कर रहे थे, जिस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के दूसरे प्रत्याशी शशि थरूर ने भी आपत्ति दर्ज कराई थी।

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