
मांडू का दूसरा नाम मांडवगढ़ भी है। यह विन्ध्याचल की पहाड़ियों पर लगभग दो हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। मांडू को पहले शादियाबाद के नाम से भी जाना जाता था। जिसका अर्थ है, खुशियों का नगर। इस शहर की मांडवगढ़ जैन तीर्थ के लिए भी पहचान है। यहां पर ऐतिहासिक महत्त्व की कई इमारते हैं, जो इतिहास की गवाह हैं। यहां के शानदार-विशाल दरवाजे पर्यटकों के स्वागत के लिए आतुर दिखाई देते हैं। महल, किले, मंदिर-मस्जिद भी सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र हैं।
स्वागत करते प्रवेश द्वार
मांडू में लगभग बारह प्रवेश द्वार हैं। इनमें दिल्ली दरवाजा प्रमुख है। यह खड़ी ढाल के रूप में घुमावदार मार्ग पर बना है। इस दरवाजे में प्रवेश करते ही मांडू दर्शन का आरंभ हो जाता है। मांडू के प्रमुख दरवाजों में आलमगीर दरवाजा, रामपोल दरवाजा, जहांगीर दरवाजा, तारापुर दरवाजा हैं।
जहाज महल
यह महल जहाज की आकृति में दो कृत्रिम तालाबों कपूर तालाब व मुंज तालाब तालाबों के मध्य बना हुआ है। करीब एक सौ बीस मीटर लंबे इस खूबसूरत महल को दूर से देखने पर ऐसा लगता है। मानो तालाब के बीच में कोई सुंदर जहाज तैर रहा हो।
हिंडोला महल
हिंडोला महल मांडू के खूबसूरत महलों में से एक है। इस महल की दीवारें कुछ झुकी होने के कारण। यह महल हवा में झूलते हिंडोले के समान प्रतीत होता है। इसलिए इसे हिंडोला महल के नाम से जाना जाता है। महल के आकर्षक खंभे इसे और भी खूबसूरती प्रदान करते हैं। इस महल के पश्चिम में कई छोटे-बड़े सुंदर महल हैं। इसके समीप ही चंपा बावड़ी है।
रानी रूपमती का महल
रानी रूपमती के महल को देखे बगैर मांडू-दर्शन अधूरा सा है। महल को देखने के लिए सैलानियों की भीड़ लगी रहती है।
ये भी हैं खास
होशंगशाह की कब्र, जामा मस्जिद, अशरफी महल है, हाथी महल, दरिया खान की मजार, दाई का महल और जाली महल भी दर्शनीय हैं। यहां ईको पॉइंट पर पर्यटकों की भीड़ लगी ही रहती है। लोहानी गुफाएं और उनके सामने स्थित सनसेट पॉइंट भी पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है।
Published on:
24 Jul 2022 08:27 pm
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