नगर निगम ग्रेटर प्रशासन ने एईएन विकास शर्मा को मामले की जांच सौंपी थी। जांच में सामने आया कि राजेंद्र बैरवा का फोन सुबह 7 बजे तक स्विच आॅफ था, वहीं हिमांशु शर्मा अवकाश पर थे। वहीं फर्म पर काम में लापरवाही व मिथ्या रिपोर्ट देने की बात जांच रिपोर्ट में दी गई है। हालांकि रिपोर्ट में हवाला दिया गया है कि मौके पर फ्यूज बॉक्स को तोड़ने की बात सामने आई है। खुले तारों पर टेपिंग की बात फर्म ने कही थी। इसके अलावा कोरोना गाइडलाइन में पार्क रात 8 बजे बंद कर दिए जाते हैं, जबकि यह घटना रात 9 बजे के आसपास की है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही दोनों कार्मिकों को निलंबित व फर्म को नोटिस दिया गया है।
दो घंटे शव रखकर दिया धरना गौरव की मौत से नाराज परिजन उसके शव को लेकर स्वर्ण पथ चौराहे पर बैठ गए। परिजनों ने दोषियों पर कार्रवाई और 5 लाख रुपए मुआवजे की मांग की। करीब दो घंटे तक चले घटनाक्रम के दौरान भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। आपसी खींचतान भी देखने को मिली। इसके बाद उपायुक्त हेमाराम चौधरी मौके पर पहुंचे और मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।
हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए मामले को लेकर विधायक अशोक लाहोटी ने महापौर शील धाभाई को ज्ञापन दिया। लाहोटी ने एलआई और जेईएन को सस्पेंड करने के साथ संबंधित फर्म के खिलाफ कार्रवाई करने और मृतक बच्चे के परिवार को पांच लाख का मुआवजा दिलाने की मांग की। लाहोटी ने निगम कर्मचारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। ज्ञापन के बाद कार्यवाहक महापौर शील धाभाई ने कहा कि दुख की इस घड़ी में नगर निगम परिवार मरने वाले बच्चे के परिवार के साथ है। मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ नगर निगम कार्रवाई करेगा। आयुक्त यज्ञ मित्र सिंह देव ने कहा कि मुआवजे के लिए हमने कलेक्टर से बात की है। नियमानुसार जो भी हो सकेगा परिवार को मुआवजा दिलवाया जाएगा।