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जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में भले ही आलाकमान की ओर से नियमों की पालना के लिए कई तरह के फॉर्मूले बनाए जाते हैं, लेकिन पार्टी के अंदर ही इन फॉर्मूले पर अमल नहीं हो पाता। ताजा मामला कांग्रेस के 13 जिला अध्यक्षों में से 10 जिलाध्यक्षों को राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट करने का है। राजनीतिक नियुक्तियां मिलने के बाद कांग्रेस के 10 जिलाअध्यक्ष भी अब दोहरी भूमिका में हैं और सत्ता और संगठन में अपना दखल रखेंगे। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान की ओर से तय किए गए 'एक व्यक्ति एक पद' के सिद्धांत फॉर्मूले पर राजस्थान कांग्रेस में अमल होता नजर नहीं आ रहा है।
चुनाव लड़ चुके नेताओं को भी जगी उम्मीद
इधर कांग्रेस के 10 जिलाध्यक्षों को राजनीतिक नियुक्ति मिलने के बाद विधानसभा, स्थानीय निकाय और पंचायतों चुनाव लड़कर जनप्रतिनिधि बन चुके नेताओं को भी राजनीतिक नियुक्तियों की उम्मीद जगी है। इन नेताओं में इस बात की चर्चा है कि जब जिलाध्यक्षों को राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट किया जा सकता है तो फिर चुनाव लड़ चुके नेताओं को अन्य नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों में क्यों नहीं एडजस्ट किया जा सकता। जिला अध्यक्षों को राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट करने के बाद चुनाव लड़ चुके नेताओं ने भी लॉबिंग तेज कर दी है।
"एक व्यक्ति एक पद' सिद्धांत पर तीन मंत्रियों को देना पड़ा था इस्तीफा
दरअसल कांग्रेस आलाकमान की ओर से तय किए गए एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत फॉर्मूले के चलते तीन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
पंजाब का प्रभार मिलने के बाद राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था और गुजरात का प्रभार मिलने के बाद चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था जिसके बाद माना जा रहा था कि आगे भी इसी फॉर्मूला पर अमल किया जाएगा।
इसलिए लागू किया गया था फॉर्मूला
सूत्रों की माने तो राजस्थान कांग्रेस में एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत का फार्मूला इसलिए लागू किया गया था जिससे कि कोई भी नेता या कार्यकर्ता 2 पदों पर रहकर काम नहीं कर पाए और जिन नेताओं को लोकसभा, विधानसभा, पंचायतों और स्थानीय निकाय चुनावों में टिकट नहीं मिल पाया हो, उन कार्यकर्ताओं और नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट किया जाए। इसी के चलते पार्टी विधायकों और स्थानीय निकाय पंचायत चुनावों में कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव जीते नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट नहीं करने की बात कही जा रही थी लेकिन अब 10 जिलाध्यक्ष को राजनीतिक नियुक्तियां देकर गहलोत सरकार ने विधायकों-निकाय और पंचायतों में चुनाव लड़ चुके नेताओं की उम्मीदें जगा दी हैं।
Published on:
01 Jan 2022 11:42 am
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