23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान के इन दो वीरों को मिला मरणोपरांत शौर्य चक्र, कहानी जानकर आपका सीना भी हो जाएगा गर्व से चौड़ा

राजस्थान के वीर शहीद मेजर मुस्तफा बोहरा और मेजर विकास भांभू को भी मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।

2 min read
Google source verification

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को 10 कीर्ति चक्र (सात मरणोपरांत) और 26 शौर्य चक्र (सात मरणोपरांत) सम्मान प्रदान किए। जिनमें राजस्थान के दो वीर शहीद मेजर मुस्तफा बोहरा और मेजर विकास भांभू को भी मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में दोनों वीर शहीदों के परिवारजनों को शौर्य चक्र प्रदान किए गए।

252 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन के मेजर विकास भांभू और उनके को-पायलट मेजर मुस्तफा बोहरा 21 अक्टूबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश में बॉर्डर एरिया में हेलीकॉप्टर पर टोही मिशन पर थे। सुबह लगभग 10:30 बजे ये दोनों मिशन पूरा वापस लौट रहे थे, इसी दौरान बॉर्डर से करीब 20 किलोमीटर दूर हेलीकॉप्टर में आग लग गई।

हेलीकॉप्टर में आग लगने के बाद भी दोनों वीरों ने साहस का परिचय दिया। आम लोगों की जिंदगी की परवाह करते हुए हेलीकॉप्टर को दूर ले गए। जिस वजह से हेलीकॉप्टर की क्रैश लैंडिग हुई। इस दुर्घटना में मेजर विकास भांभू और मेजर मुस्तफा बोहरा दोनों शहीद हो गए। दोनों जांबाजों ने भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपरा को निभाते हुए देश के लिए जीवन बलिदान कर दिया था।

शहीद मेजर भांभू की जीवनी

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के रामपुरा गांव निवासी शहीद मेजर विकास भांभू प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही लेने के बाद अपने पिता के साथ सीकर चले गए थे। जहां उनके पिता सहकारी विभाग में कार्यरत थे। विकास ने 12वीं की परीक्षा के साथ ही एनडीए का एग्जाम दिया था। जिसमें चयनित होने पर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट चयनित होकर ज्वॉइन कर लिया था।

भारतीय आर्मी में रहते मेजर विकास ने टास्क और मिशन को सफलता पूर्वक पूरा किया। साथ ही मेजर विकास ने जितने भी आंतरिक कोर्स किए, वे सब में टॉपर रहे। जिसके बाद आर्मी में उनकी लगातार बेहतरीन परफॉर्मेंस को देखते हुए उन्हें एविएशन ब्रांच में पायलट बनाने का निर्णय लिया।

2022 में दुनिया को अलविदा कहने से पहले वे अपने परिवार के साथ रहने की तैयारी में जुटे थे लेकिन शायद ये उनकी किस्मत में नहीं दिया। 2019 में उन्होंने एक घर बनवाया लेकिन वहां रहने से पहले ही 3 साल बाद हेलीकॉप्टर क्रैश में वे शहीद हो गए।

शहीद मेजर मुस्तफा की जीवनी

शहीद मेजर मुस्तफा बोहरा का जन्म उदयपुर के हाथीपोल इलाके की अजंता गली में हुआ। जहां वे 21 अक्टूबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश में बॉर्डर एरिया पर इंटेलीजेंस सर्विलांस मिशन के दौरान हेलिकॉप्टर क्रैश में शहीद हो गए। इस खबर से पहले परिवारजन मुस्तफा के सिर पर सेहरा सजाने की तैयारियों में जुटे थे। उनका धूमधाम से निकाह होने वाला था। लेकिन किसको पता था कि अब वह तिरंगे में लिपटकर घर लौटेगा।

मेजर मुस्तफा की मां फातिमा बोहरा का कहना है कि यह मेरे और पूरे मेवाड़ राजस्थान के लिए गौरव की बात है कि शहीद मुस्तफा को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। यह वो क्षण है जिसके लिए ऐसे वीरों को मां हमेशा तैयार रहती हैं कि बेटा कभी भी देश के लिए अपना जीवन दे देगा।

यह भी पढ़ेें : किरोड़ी लाल के सामने जेपी नड्डा ने रखे ये दो ऑफर, जानें मीना ने त्यागपत्र में क्यों किया PM मोदी का जिक्र?