राजस्थान के
अलवर से
भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहुजा जेएनयू पर बयान देकर चर्चा में हैं। आहुजा ने बयान दिया था कि जेएनयू कैम्पस में हर रोज तीन हजार कंडोम, शराब की बोतलें और गर्भपात के इंजेक्शन मिलते हैं। बयान पर पैदा हुआ विवाद के बाद
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें तलब किया है। इस पर एक अंग्रेजी वेबसाइट फर्स्टपोस्ट.कॉम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोई उन्हें सलाह दे कि वे
जेएनयू के डस्टबीन खंगालने की बजाय अपने पुराने वक्त को याद करें। आहुजा का विवादों से पुराना नाता रहा है, वे हमेशा ही अपने बयानों और गतिविधियों की वजह से मीडिया की सुर्खियां बनते रहे हैं।
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विवादों से पुराना नाता:- -1990 में जब आहुजा भारतीय मजदूर संघ और आरएसएस के सदस्य थे तो उन्होंने ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी को थप्पड़ मार दिया था। उसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर वारंट जारी किया था। लेकिन वे एक दशक तक पुलिस के सामने पेश नहीं हुए और वे पुलिस की वांटेड सूची में शामिल रहे।
-2003 में भाजपा सत्ता में आई तो तत्कालिन गृहमंत्री से आहुजा ने उनके खिलाफ केस को खारिज करने की अपील की थी। लेकिन अलवर के तत्कालिन चीफ ज्यूडिशयिल मजिस्ट्रेट आरके माहेश्वरी ने कहा था कि एक विधायक के कानून तोडऩे पर आसानी से बरी हो जाना गलत होगा। इसके बाद आहुजा को मजबूरन सरेंडर करना पड़ा और उसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया। हिरासत में उनके अचानक पेट में दर्ज होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में वे तब तक रहे जब तक उन्हें जमानत नहीं मिल गई।
-फरवरी 2015 में स्टेज पर महिला डांसर्स के साथ नाचते हुए और उन पर पैसे उछालते हुए की तस्वीरें वायरल हुई थीं। अलवर में पंजाबी सेवा समिति ने लौहरी मेला आयोजित किया था, जिसमें महिला डांसर्स को बुलाया गया था। वहां आहुजा भी पहुंचे थे, समारोह के दौरान आहुजा स्टेज पर चढ़ गए और डांसर्स के साथ ठुमके लगाते हुए पैसे लुटाने लगे।
..जब मिली लंकेश्वर की उपाधिआहुजा अपनी युवा अवस्था में ज्यादात्तर समय स्थानीय शाखा में ही बिताते थे। अपने आपको भीड़ से दूर रखने के लिए उन्होंने अपनी मूछें बढ़ानी शुरू कर दी। उनके एक दोस्त का कहना है कि वे अपनी मूछों पर बहुत ज्यादा ध्यान देते हैं। उनकी मूछों की वजह से उन्हें स्थानीय रामलीला में अहिरावण(रावण के भाई) का रोल मिला था।
1998 में विधायक बनने के बाद भी वे अहिरावण के करैक्टर से बाहर नहीं निकल पाए। वे सदन में भी अहिरावण की भूमिका में नजर आते थे। सदन में तेज ावाज में बोलने और दूसरे सदस्यों से बहस के दौरान ऊंची आवाज में बात करने की वजह से उन्हें तत्कालिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लंकेश्वर की उपाधि की थी।
‘गौवध से आते हैं भूंकप, सूखा और चक्रवात’आहुजा ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि कैलिफोर्निया की सारी बिजली गाय के गोबर से सप्लाई होती है। साथ ही उन्होंने कहा था कि गाय के दूध में सोने के कण होते हैं। इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि विदेश विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में जब तक गायों का वध होता रहेगा, यहां पर चक्रवात, भूकंप और सूखा आता रहेगा।
अपने आपको गाय का रखवाला कहने वाले आहुजा ने अपने क्षेत्र में एक ग्रुप बना रखा है। यह ग्रुप हाइवे पर गायों की तस्करी करने वालों पर नजर रखता है। आहुजा का कहना है कि मैं उन्हें फंड और निर्दरेश देता हूं।