
जयपुर
(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने कहा है कि (NRI) एनआरआई और (Management Quota) मैनेजमेंट कोटा (same) एक ही होता है और एनआरआई कैंडीडेट को (admission) एडमिशन देने के बाद (2nd round of counselling) दूसरे राउंड की काउंसलिंग में (reamaning seats) बची हुई सीटों पर (management quota) मैनेजमेंट कोटे से (admission) एडमिशन दिए जा सकते हैं। कोर्ट ने पीजी प्रवेश बोर्ड-2020 को याचिकाकर्ताओं को एनआरआई कोटे के तहत महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में रेडियो डाइग्नोसिस और गायनोलॉजी विषय की सीटे आवंटित करने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश एस.पी.शर्मा ने यह आदेश डॉ. निलय गुप्ता व अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिए।
एडवोकेट डॉ.अभिनव शर्मा ने कोर्ट को बताया कि नीट पीजी 2020 में याचिकाकर्ता ने एमडी रेडियो डायग्नोसिस कोर्स के लिए एनआरआई कोटे में आवेदन किया था लेकिन,आवेदन मिलने के बाद पीजी बोर्ड ने 14 अप्रैल को महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में एनआरआई कोटे की एक भी सीट खाली नहीं नहीं होने की सूचना दी। जबकि इससे पूर्व महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज ने अपनी विज्ञप्ति में रेडियो डायग्नोसिस की दो सीटें एनआरआई और मैनेजमेंट कोटे की बताई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार पन्दह फीसदी सीटे एनआरआई कोटे से भरी जानी चाहिए। महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में रेडियोलॉजी विभाग में छह सीटे हैं, इनमें से दो सीटे एनआरआई और मैनेजमेंट कोटे की होनी चाहिए, लेकिन इन दोनों सीटों को मैनेजमेंट कोटे में बदल दिया गया।
सभी पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा है कि महात्मका गांधी मेडिकल कॉलेज की ओर से पीजी एडमिशन बोर्ड ने 2020 को दी गई सीट मैट्रिक्स को समझने में गलती की है। मैनेजमेेंट कोटे की सीट में ही एनआरआई कोटे की सीट शामिल हैं। दूसरे राउंड की काउंसलिंग में एनआरआई कैंडीडेट के एडमिशन के बाद खाली बची सीटों को कॉलेज मैनेजमेंट कोटे का मानकर एडमिशन दे सकता है।
Published on:
10 Jul 2020 09:15 pm
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