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प्रवासी महिलाएं विदेश में दे रही राजस्थानी संस्कृति को बढ़ावा

जयपुर की महिलाएं विदेश में रहकर बढ़ा रही देश-प्रदेश का मान, राजस्थानी-भारतीय संस्कृति से करवा रहीं रूबरू । राजस्थानी संस्कृति को बढ़ावा देने में प्रवासी भारतीय महिलाएं बड़ी भूमिका निभा रही हैं। विदेश में रहते हुए भी वह बखूबी अलग-अलग तौर तरीकों से लोगों को राजस्थानी व भारतीय संस्कृति की पहचान करवा रही हैं।

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जयपुर

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Riya Kalra

Aug 21, 2023

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राजस्थानी संस्कृति को बढ़ावा देने में प्रवासी भारतीय महिलाएं बड़ी भूमिका निभा रही हैं। विदेश में रहते हुए भी वह बखूबी अलग-अलग तौर तरीकों से लोगों को राजस्थानी व भारतीय संस्कृति की पहचान करवा रही हैं। हिंदी भाषा बोलने से लेकर, पारंपरिक पहनावे, योग व आयुर्वेद की जानकारी विदेशी लोगों से भी रूबरू करवाने की कोशिश करती हैं, जिससे वह भारतीय संस्कृति समझ सके। राजस्थान पत्रिका ने ऐसी महिलाओं से बातचीत कर उनके अनुभव जाने।

विदेशी शिक्षिकाओं को बता रहे राजस्थानी व भारतीय संस्कृति

शिकागो निवासी मीनाक्षी शर्मा ने बताया कि वे हिंदू सांस्कृतिक संगठन के माध्यम से विदेशी शिक्षिकाओं को भारतीय व राजस्थानी संस्कृति के बारे में डिजिटल एवं गेट टुगेदर के जरिए बतारी रहती हैं। इसके आलावा भारतीय त्योहारों से जुडी सभी जानकारी भी देती हैं। जिससे भारतीय बच्चे दूर रहकर भी देश की संस्कृति के बारे में जान सके। उनका लगभग 50 लोगों का ग्रुप है, जिसमें विदेशी भी शामिल हैं। वे सभी रोजाना सुबह गार्डन में योग करते हैं। साथ ही आयुर्वेद व नैचुरोपैथी की जानकारी भी देते हैं, जिससे विदेशी लोग रूबरू हो सकें। मीनाक्षी का कहना है वह अपने घर में होने वाली पार्टी में भी खासतौर पर दाल भाटी चूरमा ही बनाती है और त्योहारों पर अपने साथ उनके विदेशी दोस्तों को भी मेहंदी लगाई जाती है।

राजस्थान लोक नृत्य को पहचान देने में जुटीं , सप्ताह में एक दिन चूरमा-दाल-बाटी

अमरिका के मेम्फिस में रह रही डॉ. सृष्टि सरीन गोयल घर में हिन्दी भाषा का प्रयोग करती हैं, जिससे उनके बच्चे कम उम्र में हिंदी बोलना सीख सकें। त्योहारों पर बच्चों को पारंपरिक वेशभूषा में तैयार कर उनके फोटो शूट भी करवाती हैं। विदेश में रहते हुए भी वह त्योहारों के अलावा सप्ताह में एक बार राजस्थानी खाने में दाल भाटी चूरमा, गट्टे की सब्जी बनाती रहती हैं। विदेश में वे राजस्थानी सोसायटी से जुड़ी हैं। यह सोसायटी राजस्थानी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम करवाती है। सोसायटी में कई राजस्थानी लोग जुड़े हुए हैं। सृष्टि ने बताया की उन्हें राजस्थानी लोक नृत्य आता है। यह देखते हुए उन्हें कई कार्यक्रमों में लोक नृत्य के लिए आमंत्रित भी किया जाता है। ताकि विदेशी लोग भारतीय संस्कृति से रूबरू हो सकें। भारतीयों के कार्यक्रमों का संचालन हिंदी में होता है।


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