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खानें नीलाम, पर खनन शुरू करने की प्रक्रिया धीमी… रोजगार पर भी असर

खान संचालकों की उदासीनता सरकार के लक्ष्य और रोजगार दोनों पर भारी पड़ रही है। देश में सबसे ज्यादा मेजर मिनरल की 88 खानों की नीलामी राजस्थान में हुई हैं, लेकिन जिन्हें खान आवंटित हुई हैं, वे जल्द खनन शुरू करने को लेकर रुचि नहीं दिखा रहे। खनन में तेजी आए तो युवाओं को रोजगार मिलने के साथ राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य पूरा हो सकेगा।

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जयपुर

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GAURAV JAIN

May 26, 2025

- सीमेंट, आयरन सहित कई प्रकार के मिनरल की खानों का मामला

जयपुर.

खान संचालकों की उदासीनता सरकार के लक्ष्य और रोजगार दोनों पर भारी पड़ रही है। देश में सबसे ज्यादा मेजर मिनरल की 88 खानों की नीलामी राजस्थान में हुई हैं, लेकिन जिन्हें खान आवंटित हुई हैं, वे जल्द खनन शुरू करने को लेकर रुचि नहीं दिखा रहे। खनन में तेजी आए तो युवाओं को रोजगार मिलने के साथ राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य पूरा हो सकेगा।

दरअसल प्रदेश में मेजर मिनरल की नीलाम की गई खानों में ज्यादातर लाइम स्टोन (सीमेंट ग्रेड) की हैं। इन खानों का आवंटन भी मुख्य रूप से उन्हीं सीमेंट कंपनियों को हुआ है जिनके प्रदेश में पहले से ही सीमेंट के प्लांट लगे हैं। ये कंपनियां नई खानों को चालू करने को लेकर कम ही रुचि ले रही हैं। इस संबंध में पिछले दिनों खान विभाग के अधिकारियों ने कंपनियों को जल्द प्रक्रिया पूरी कर खनन शुरू करने के लिए कहा है। यह खानें लाइम स्टोन सीमेंट व स्टील ग्रेड, आयरन, कॉपर, सिलिसियस अर्थ, गारनेट, लैड, जिंक आदि की हैं।

माइनिंग प्लान पेश नहीं किए

करीब 23 खान संचालकों ने तो माइनिंग प्लान तक पेश नहीं किया है। इस कारण खान शुरू करने को लेकर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही।

खनन क्षेत्र में चरागाह भूमि, लेनी होगी एनओसी

सीमेंट कंपनियों को नीलामी में मिली खानों में से ज्यादातर में कुछ हिस्सा चरागाह भूमि का भी आ रहा है। ऐसे में इन खान संचालकों को पहले चरागाह भूमि को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के लिए सरकार से मंजूरी लेनी होगी, लेकिन अभी तक दर्जनभर से ज्यादा कंपनियों की ओर से आवेदन ही नहीं किया गया। वहीं तीन से ज्यादा कंपनियों ने आवेदन किया, लेकिन सरकार स्तर पर मामले लंबित चल रहे हैं।

इनकी स्वीकृति अटकी

मेजर मिनरल की 88 खानों में से अभी करीब 7 खानों की प्रक्रिया पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने से अटकी हुई है। सीमेंट कंपनियों की ओर से स्टेट एनवायरनमेंट इंपैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी में आवेदन किए गए हैं, लेकिन अभी तक मंजूरी लंबित बताई जा रही है।