
जयपुर/अजमेर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 31 मई 2023 को अजमेर और पुष्कर आएंगे। केंद्र में भाजपा सरकार के 9 साल पूरे होने के मौके पर पीएम मोदी अजमेर रैली में पार्टी के एक महीने तक चलने वाले महाजनसंपर्क अभियान का आगाज करेंगे। एक महीने के भीतर ऐसी 51 महारैली करने की तैयारी है। इसके अलावा देशभर में 30 जून तक 500 अन्य सभाएं और 600 से अधिक प्रेस कॉन्फ्रेंस केंद्रीय मंत्री और पार्टी के नेता कर जनता को मोदी सरकार की नीतियों से अवगत कराएंगे। पीएम मोदी वायुसेना के हेलीकॉप्टर से दोपहर 3 बजे पुष्कर में अस्थाई हेलीपेड पर पहुंचेंगे। वे प्रजापिता ब्रह्माजी के मंदिर में मंत्रोच्चार से पूजा-अर्चना और दर्शन करेंगे। यहां उनका करीब 20 मिनट का कार्यक्रम है। इसके बाद मोदी शाम करीब 4.15 बजे अजमेर की कायड़ विश्राम स्थली पहुंचेंगे। वे यहां जनसभा को संबोधित करेंगे। पीएम के आगमन को लेकर एक दिन पहले रिहर्सल की गई। एसपीजी सहित पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जो अपने कार्यकाल में दूसरी बार अजमेर आ रहे हैं। नौ साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद देश में पहला जनसंवाद व महा जनसभा भी अजमेर में कर रहे हैं। ऐसे में काफी संभावनाएं हैं कि तीर्थराज पुष्कर व अजमेर की धरा से देश को संदेश भी देने की कोशिश करेंगे। अजमेर संभाग भी कई उम्मीदें लगाए बैठा है। अजमेर सहित चारों जिलों एवं राजस्थान की कई ऐसी जरूरतें हैं जिन पर केंद्र सरकार अगर गौर करे तो यहां के विकास में और तेजी आएगी। पार्टी स्तर पर राजस्थान में चुनावी आगाज के लिए अजमेर को चुने जाने से यहां की जनता को केंद्र सरकार से उम्मीदें और बढ़ गई हैं।
ईआरसीपी घोषित हो राष्ट्रीय परियोजना
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग सबसे बड़ी है। इससे सीधे तौर पर झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा और धौलपुर जिले की पेयजल और सिंचाई परियोजना जुड़ी है। इससे 26 विभिन्न बड़ी एवं मध्यम परियोजनाओं के माध्यम से लगभग 8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए जल उपलब्ध होगा।
मानगढ़ बने राष्ट्रीय स्मारक
राज्य स्तर पर आदिवासियों के आस्था धाम कहे जाने वाले मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का इंतजार है। एक नवम्बर 2022 को पीएम मोदी मानगढ़ धाम गए थे। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के आंदोलन में आदिवासी वीरों का भी योगदान रहा है। लेकिन राष्ट्रीय स्मारक की घोषणा नहीं हुई।
बनारस-उज्जैन की तर्ज पर बने पुष्कर कॉरिडोर
बनारस में काशी विश्वनाथ और उज्जैन में महाकाल मंदिर की तर्ज पर तीर्थनगरी पुष्कर में भी कॉरिडोर की जरूरत है। केन्द्र सरकार इसके लिए स्वीकृति दे, प्लान बनाए। हालांकि राज्य सरकार ने पुष्कर विकास के लिए 500 करोड़ स्वीकृत किए हैं।
यह घोषणा अधूरी
अजमेर-टोंक-सवाई माधोपुर रेल परियोजना अधूरी है। रेलवे ने सर्वे की निविदा 4 फरवरी 2016 को जारी की थी। इसके बाद से अब तक सर्वे टीम ने रेल लाइन बिछाने के लिए जमीन, रेलवे स्टेशन, ब्रिज समेत अन्य की सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली है। लेकिन राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार के बीच जमीन आवंटन के फैसले को लेकर मामला खटाई में पड़ा है।
Published on:
31 May 2023 01:30 pm
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