
जयपुर।
अपनी नौकरी की शुरूआत से ही विवादों में रहे भारतीय पुलिस सेवा के राजस्थान कॉडर के 1989 बैच के अधिकारी इंदु कुमार भूषण को प्रदेश के कार्मिक विभाग की रिपोर्ट पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बर्खास्त कर दिया है। सात महीने पहले पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में इंदू कुमार भूषण ने सीनियर अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और उनकी चल अचल संपित्त के ब्यौरे पर सवाल उठाए थे। भूषण अपनी 28 साल की सेवा में पांच बार एपीओ हो चुके थे।
इन 'टॉप' विवादों से जुड़े रहे इंदुभूषण
- एडीजी जेल रहते हुए इंदू कुमार भूषण के खिलाफ जयपुर जेल के एक डॉक्टर ने गाली गलौज करने और जातिसूचक शब्दों के प्रयोग करने का मामला वैशाली नगर थाने में दर्ज़ करवाया था। पीड़ित डॉक्टर कमल बैरवा का आरोप था कि एडीजी ने एक बंदी के इलाज को लेकर उन्हें फोन किया और बाद में उनको भला बुरा कहते हुए गाली गलौज की। डॉक्टर का आरोप था कि एडीजी ने उसको जातिसूचक शब्दों में गालियां दी।
- पुलिस महानिरीक्षक पद पर रहते हुए जुलाई 2013 में अपने ड्राइवर और गनमैन से मारपीट के मामले इंदुभूषण सुर्ख़ियों में रहे। उस मामले में भी भूषण के खिलाफ शास्त्री नगर पुलिस थाने में चालक और गनमैन ने मारपीट करने, जातिसूचक शब्दों से गाली-गलौच करने का मामला दर्ज हुआ था।
- इंदुभूषण पर अपने ही महकमें के पुलिसकर्मियों से अभद्रता करने के आरोप लगे थे। घर पर बालश्रम की सूचना पर जब पुलिस एक सामाजिक कार्यकर्ता के साथ उनके शास्त्री नगर आरपीए स्थित सरकारी क्वार्टर पहुंची थी तब भूषण ने उनके साथ अभद्रता की थी।
- आईपीएस अफसर इंदू भूषण ने पुलिस महकमें में भ्रष्टाचार की बात कहते हुए अफसरों की सम्पत्ति पर टिप्पणी की थी। साथ ही एक एडीजी स्तर के साथी अफसर पर आरोप लगाए थे। इंदुभूषण ने कहा था कि जब आईपीएस लगते हैं तो उनकी सम्पत्ति जीरो होती है, वही तीन साल बाद तीन पेज की हो जाती है। पुलिस में भ्रष्टाचार भरा है। उन्होंने वहां मौजूद एक एडीजी के जयपुर, लखनऊ और नोएडा में प्लाट होने पर सवाल उठाये थे।
- राज्य से बाहर राज्यपालों के कार्यक्रम में भूषण ने अपना गला काटने की धमकी तक दे दी थी।
- इंदुभूषण पर बात-बात अपनी सर्विस रिवाल्वर निकालने दूसरों पर तानने के आरोप लगते रहे है।
- जब भूषण को पुलिस अधीक्षक के पद पर नियुक्ति नहीं दी गई थी तब वे अपना आपा खो बैठे थे और उन्हेांने सर्विस रिवाल्वर से खुद को उडाने की धमकी सरकार को दे दी थी। तभी से उनको नॉन फील्ड कर दिया गया था।
राजस्थान पुलिस की खोली थी पोल
एडीजी इंदू भूषण ने पत्रिका को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि राजस्थान पुलिस आंकड़े कम करने के लिए मामले दबा रही है। केरल और दिल्ली में आंकड़े बढ़ रहे हैं, राजस्थान में कम कैसे हो रहे हैं। राजस्थान पुलिस मामले दर्ज नहीं करती। थानेदार जांच के नाम पर महिला की अस्मत मांगता है तो कोई रिश्वत। मीडिया पुलिस की बुराई दिखाती है तो अच्छाई भी बताती है।
Updated on:
04 Apr 2018 03:07 pm
Published on:
04 Apr 2018 02:54 pm
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