19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान में जारी बवाल के बीच मोदी सरकार ने SC-ST-OBC वर्ग के लिए स्थिति की साफ़, जानें क्या है एक्शन प्लान

सरकार ने देशवासियों से शांति व्यवस्था और आपसी भाईचारा बनाये रखने की अपील की है। आरक्षण समाप्त करने की अफवाहों को पूरी तरह से बेबुनियाद करार दिया है।

4 min read
Google source verification
modi rajnath amit shah

जयपुर/ नई दिल्ली।

SC/ST Act में संशोधन के विरोध में किए गए भारत बंद के दौरान राजस्थान के विभिन्न ज़िलों में तोडफ़ोड़ और उप्रदव का सिलसिला लगातार जारी है। हिण्डौनसिटी शहर में सोमवार को बंद के दौरान हुए उत्पात से खफा लोग मंगलवार को भी सड़कों पर उतर गए। गुस्साई भीड़ ने पूर्व मंत्री भरोसीलाल जाटव एवं हिण्डौनसिटी विधायक राजकुमारी जाटव के घरों पर हमला कर आग लगा दी। इससे कस्बे में हालात तनावपूर्ण हो गए। इस बीच इस एक्ट में संशोधन को लेकर सरकार ने अपनी स्थिति साफ़ कर दी है।

सरकार ने अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण कानून में ढील दिए जाने और आरक्षण समाप्त करने की अफवाहों को पूरी तरह से बेबुनियाद करार दिया है। सरकार ने देशवासियों से शांति व्यवस्था और आपसी भाईचारा बनाये रखने की अपील की है।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भारत बंद के दौरान हुई हिंसा पर कहा है कि वह समझते हैं कि उच्चतम न्यायालय द्वारा एससी-एसटी अत्याचार निवारण कानून को लेकर जो फैसला दिया गया है, उससे लोगों में रोष है, लेकिन इस मामले में केन्द्र सरकार पक्षकार नहीं थी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदाय के लोगों को संविधान में दिए गए संरक्षण को कायम रखने के प्रति पूरी तरह से वचनबद्ध है।

कानून को ज्यादा मजबूत बनाया
सिंह ने कहा कि सरकार ने इस कानून में कोई ढील नहीं दी है, बल्कि 2015 में इस कानून में संशोधन करके इसे और मज़बूत बनाया है। उन्होंने कहा कि संशोधन करके इसमें नए प्रावधान जोड़े गए और गवाहों को सुरक्षा दिलाने का भी प्रावधान किया गया ताकि गवाहों को जोर जबरदस्ती से चुप न कराया जा सके। इसके अलावा पीडि़तों को मिलने वाली राशि में भी इजाफा कराया गया है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने इस कानून के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने वाले सरकारी अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई करने का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला किया और मात्र छह कामकाजी दिनों में समस्त प्रक्रियाएं पूरी करके याचिका दायर भी कर दी।


... इधर ओबीसी के लिए ये है एक्शन प्लान
एससी-एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर हो रहे बवाल के बीच अब देश के सत्तारूढ़ दल बीजेपी ने ओबीसी वर्ग को लेकर भी अपनी स्थिति साफ़ कर दी है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आश्वस्त किया है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय के हित में संसद के वर्तमान सत्र में ही ओबीसी विधेयक को पारित किया जाएगा।

शाह ने ओबीसी समुदाय की एक बैठक में कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ओबीसी समुदाय के उत्थान के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि ओबीसी विधेयक पारित कर दिया जाए।

भाजपा अध्यक्ष ने नरेंद्र मोदी सरकार के दलितों के खिलाफ काम करने के कथित आरोपों पर कहा, 'इन निराधार आरोपों से 12 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनावों के बाद निपटा जाएगा।' उन्होने कहा कि भाजपा सरकार ने लोकसभा में ओबीसी विधेयक पारित किया और सरकार संसद में और उसके बाहर ओबीसी समुदाय के साथ खड़ी हुई है। उन्होंने कहा यह हमारा निर्णय है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि समुदाय के साथ न्याय हो। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सभी समुदायों के कल्याण के लिए काम कर रही है।


बेकाबू भीड़ ने फूंके पूर्व मंत्री और विधायक के घर
हिण्डौनसिटी में सोमवार को बंद के दौरान हुए उत्पात से खफा लोग मंगलवार को सड़कों पर उतर गए। गुस्साई भीड़ ने पूर्व मंत्री भरोसीलाल जाटव एवं हिण्डौनसिटी विधायक राजकुमारी जाटव के घरों पर हमला कर आग लगा दी। इससे कस्बे में हालात तनावपूर्ण हो गए। जिला प्रशासन ने कस्बे में दोपहर 12 बजे से बुधवार सुबह 8 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया। भरतपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक आलोक वशिष्ठ सहित कई आला अधिकारी यहां डेरा डाले हुए हैं। बीएसएफ, स्पेशल टॉस्क फॉर्स सहित आरएसी की कई कंपनियां यहां पहुंच गई। इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। आगामी आदेश तक स्कूल, कॉलेज व कोचिंग संस्थानों को बंद करा दिया है। परीक्षाएं बदस्तूर जारी रहेंगी।

हुंकार रैली के दौरान सोमवार को हुए उपद्रव के विरोध में व्यापार महासंघ ने मंगलवार को बाजार बंद की घोषणा की थी। सुबह से ही शहर के बाजार पूरी तरह बंद रहे। व्यापारी एवं शहर के लोग डैंप रोड बाजार के चौराहे पर एकत्र होने लगे। सुबह करीब साढ़े नौ बजे बड़ी संख्या में लोग नारेबाजी करते हुए चौपड़ सर्किल की ओर जाने लगे। सर्किल पर तैनात करौली एएसपी राजेश यादव एवं डीएसपी के नेतृत्व में तैनात पुलिस दल ने भीड़ को चौपड़ सर्किल पर जाने से रोक दिया। भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने जबरन सर्किल की ओर जाने का प्रयास किया तो पुलिस दल ने बल प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ दिया। बल प्रयोग से लोग नाराज हो गए।

पुलिस के बल प्रयोग की खबर पर करीब आधा घंटे बाद हजारों की भीड़ नारे लगाते हुए डैंपरोड से चौपड़ सर्किल की ओर रवाना हुई। भीड़ में शामिल कई युवकों के पास लाठी-डंडे भी थे। भीड़ जब राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल के पास पहुंची तो एएसपी यादव ने पुन: भीड़ को चौपड़ सर्किल की ओर नहीं जाने दिया। रोक के बाद भी भीड़ आगे बढ़ी तो एएसपी यादव ने आगे आकर भीड़ में शामिल लोगों पर लाठियां बरसाना शुरू कर दिया। इसके बाद एसटीएफ एवं पुलिस के जवानों ने भी भीड़ पर लाठियां भांजी। इससे लोग भड़क उठे। भीड़ ने पुलिस पर जमकर पथराव किया। यह घटना संपूर्ण शहर में फैल गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक भीड़ का एक समूह विधायक व पूर्व मंत्री के घर जा पहुंचा और तोडफ़ोड़ कर घरों को आग लगा दी। घटना के वक्त दोनों के परिजन जैसे-तैसे घर से निकलकर भाग गए। सूचना पर पुलिस पहुंची। घटना के दौरान एडीएम राजनारायण शर्मा जख्मी हो गए। वहीं एएसपी सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने भागकर जान बचाई।

... इधर, उपद्रव में 20 मुकदमें दर्ज, 30 को भेजा जेल
एससी-एसटी एक्ट संशोधन के विरोध में किए गए भारत बंद में तोडफ़ोड़ और उप्रदव करने के मामले में जयपुर कमिश्नरेट में 20 मुकदमें दर्ज किए गए है, इनमें 30 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जाकर मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया। यहां से सभी को जेल भेज दिया गया, जबकि तोडफ़ोड़ में शामिल अन्य की पहचान कर गिरफ्तारी की जा रही है। वहीं, प्रदेश में कई जगहों पर आगजनी और तोडफ़ोड़ करने वालों के खिलाफ विभिन्न थानों में 175 मुकदमें दर्ज 990 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, 56 लोगों को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि भारत बंद के दौरान प्रदेश में बीकानेर , अलवर, श्रीगंगानगर, बाड़मेर, सवाईमाधोपुर, करौली, सीकर, राजसमंद समेत कई इलाकों में मकानों-दुकानों और वाहनों में तोडफ़ोड़ करके आग लगा दी थी। इसके चलते गंगापुर सिटी में कफ्र्यू लगाया गया था। वहीं, मंगलवार को दो विधायकों के घर में घुसकर तोडफ़ोड़ करने और आग लगाने की घटना के बाद कफ्र्यू लगा दिया गया।