मंत्रालय इन वाहनों के लिए टोल माफ करने या 50 फीसदी तक डिस्काउंट देने का निर्णय कर सकती है। सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना चाहती है। हाल में इलेक्ट्रिक वाहनों पर वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) भी घटाया गया था। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल में कहा था कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को पूरी तरह से अपनाए जाने की कोई डेडलाइन तय नहीं करेगी। यह काम स्वाभाविक तौर पर आने वाले समय में हो जाएगा।
अधिकारी ने कहा, कुछ रियायत देना बेहतर विकल्प है ताकि एनएचएआइ के राजस्व पर ज्यादा असर न पड़े। ड्राफ्ट टोल पॉलिसी में एनएचएआई ने सुझाव दिया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को टोल रेट में 50 फीसदी रियायत दी जानी चाहिए ताकि सरकार लोगों को ये गाडि़यां खरीदने के लिए प्रोत्साहित कर सके। यह रियायत पॉलिसी की घोषणा होने के बाद शुरुआती पांच वर्षों तक लागू होगी।
इलेक्ट्रिक वाहनों पर कंसेशन को फास्टैग के जरिए ही दिया जाएगा। सरकार ने फास्टैग के जरिए इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन दिसंबर से अनिवार्य किया है। इसके पीछे का मकसद टोल प्लाजा पर जाम की स्थिति बनने से रोकना है। अब तक राष्ट्रीय राजमार्गों पर 522 टोल प्लाजा में से करीब 80 फीसदी पर सभी लेन में ई-टोलिंग की सुविधा शुरू की गई है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने विचार-विमर्श के लिए ड्राफ्ट पॉलिसी को सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के पास भेजा है। एनएचएआइ ने टोल पॉलिसी में कई सुझाव दिए हैं। टोल रेट में छूट इनमें से एक है। यह पॉलिसी देश में टोल सिस्टम में बड़ा बदलाव लाएगी। हालांकि ऐसा करने पर एनएचएआइ के राजस्व पर असर पड़ेगा और प्राइवेट कंसेशनेयर्स इस नुकसान के लिए राजमार्ग बनाने वाली अथॉरिटी से भरपाई की मांग कर सकते हैं।