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मानसून आ गया…नाले नहीं हो पाए साफ, ओपन डिपो भी नहीं हुए खत्म

ग्रेटर नगर निगम महापौर और आयुक्त ने अधिकारियों से साथ बैठक की। नाला सफाई, डोर टू डोर से लेकर अन्य प्रकरणों की समीक्षा की।

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जयपुर। राजधानी में मानसून ने दस्तक दे दी है, लेकिन अब तक ग्रेटर नगर निगम सभी नालों को साफ नहीं कर पाया है। यही हाल ओपन कचरा डिपो का भी है। स्वच्छ सर्वेक्षण की तैयारियों में ओपन कचरा डिपो धब्बा लगा रहे हैं और निगम के अधिकारी इनको हटवा नहीं पा रहे हैं। यह हाल तब है, जब निगम हर घर से लेकर प्रतिष्ठान तक हूपर से कचरा उठवाने का दावा कर रहा है।
गुरुवार को निगम मुख्यालय में महापौर सौम्या गुर्जर और आयुक्त रूकमणी रियाड़ ने सफाई व्यवस्था सहित अन्य प्रकरणों की समीक्षा की।
महापौर ने अधिकारियों से कहा कि शहर को स्वच्छ बनाने के लिए धरातल पर काम करें। शहर की सफाई व्यवस्था निगरानी के लिए जोन उपायुक्त सुबह फील्ड में रहें और कार्मियों की उपस्थिति देखें। अनुपस्थित कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। ओपन कचरा डिपो को खत्म करने के निर्देा भी महापौर ने दिए।
वहीं, आयुक्त ने कहा कि मानसून में बाढ़ नियंत्रण कक्षों में संसाधनों की कमी नहीं आए। नालों को फेरो कवर से ढकने के निर्देश दिए।

यूं समझें हकीकत
-सबसे ज्यादा ओपन कचरा डिपो मालवीय नगर
जोन शेष रहे खत्म किए
मालवीय नगर 54 151
विद्याधर नगर 34 48
झोटवाड़ा 30 56
मानसरोवर 27 54
सांगानेर 21 67
जगतपुरा 54. 151
मुरलीपुरा 04 51

ये है नालों की स्थिति
ग्रेटर सीमा क्षेत्र के 715 नाले हैं। जो रिपोर्ट बैठक में पेश की गई। उसमें दावा किया कि 663 नालों की सफाई की जा चुकी है। जबकि, मानसून जयपुर में दस्तक दे चुका और निगम को 15 जून से पहले ही नाला सफाई करनी होती है। इसके बाद भी निगम कछुआ चाल से चलता रहा।

ये निर्देश भी दिए
-ई फाइल का निस्तारण 10 घंटे से भी किया जाए।
-खुले में गंदगी फैलाने वाले लोगों का चालान किया जाए।
-निर्माणधीन इमारतों पर ग्रीन नेट नहीं है, उनका भी चालान किया जाए।
-ओपन कचरा डिपो हटाकर वहां सौंदर्यीकरण किया जाए।