27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान में एसीबी की 50 से ज्यादा चौकियां, भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा ढीला, जानें कारण

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की 50 से अधिक चौकियां हैं, लेकिन इनमें ट्रैप की कार्रवाई नाममात्र ही हो रही है। जयपुर मुख्यालय स्थित एसीबी चौकियों की तुलना में अन्य जिलों की चौकियां कम कार्रवाई कर रही हैं।

2 min read
Google source verification

एसीबी मुख्यालय राजस्थान, पत्रिका फोटो

राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की 50 से अधिक चौकियां हैं, लेकिन इनमें ट्रैप की कार्रवाई नाममात्र ही हो रही है। जयपुर मुख्यालय स्थित एसीबी चौकियों की तुलना में अन्य जिलों की चौकियां कम कार्रवाई कर रही हैं।

एसीबी सूत्रों के अनुसार, प्रदेश में सरकारी विभागों में रिश्वतखोरी के मामले कम नहीं हुए हैं, बल्कि कुछ एसीबी अधिकारी ही रिश्वतखोरों से बंधी लेकर उन्हें वसूली के लिए खुला छोड़ रहे थे। एसीबी के झालावाड़ से भीलवाड़ा भेजे गए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगराम मीणा को 9.35 लाख रुपए की नकद राशि के साथ पकड़ा गया था। उनके घर तलाशी में 40 लाख रुपए से अधिक नकद बरामद हुए। इस प्रकरण में एसीबी अब आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करेगी।

एसीबी के ही अधिकारियों ने ही शुरू कर दिया बंधी लेना

इससे पहले सवाईमाधोपुर एसीबी चौकी प्रभारी सुरेन्द्र कुमार शर्मा को बंधी लेने के आरोप में एसीबी ने ही 19 मई को गिरफ्तार किया था। एएसपी सुरेन्द्र की गिरफ्तारी के बाद ट्रैप की कार्रवाइयों में तेजी आई है। अधिकारियों ने चौकियों में तैनात कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी भी दी है कि जयपुर मुख्यालय से सभी पर निगरानी रखी जा रही है।

एक दिन की संपत्ति, दर्ज होगा मामला

एसीबी अधिकारियों ने बताया कि एएसपी जगराम मीणा के खिलाफ एक दिन की आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया जाएगा। उनके पास एक दिन में 9.35 लाख रुपए नकद मिले, जिसके बारे में वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।

बढ़ सकती हैं एफआइआर

इस वर्ष अब तक एसीबी में 164 एफआइआर दर्ज हुई हैं, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि से 13 अधिक हैं। एएसपी सुरेन्द्र की गिरफ्तारी के बाद 40 दिन में लगभग 44 एफआइआर दर्ज की गईं, जबकि उससे पहले के 40 दिन में 31 एफआइआर ही हुई थीं। अब एएसपी जगराम मीणा के खिलाफ कार्रवाई के बाद और एफआइआर बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

इनका कहना है…

कोई भी सरकारी विभाग हो या एसीबी का स्वयं का अधिकारी-कर्मचारी, यदि भ्रष्टाचार में लिप्त है तो लोग शिकायत करें या सूचना दें। एसीबी स्वयं जांच कर साक्ष्य जुटाकर कार्रवाई करेगी। - राजेश सिंह, डीआइजी, एसीबी

यह भी पढ़ें: आखिर क्यों डिस्कॉम सीएमडी ने कहा…‘काम किए बिना बिल पास किए तो सीधे एसीबी में भेजूंगी मामला’ जानें पूरा सच